मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा को राहत, NIA ने दी क्लीन चिट

Rishi
Published on: 13 May 2016 5:50 AM GMT
मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा को राहत, NIA ने दी क्लीन चिट
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मुंबईः साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके के मामले में राहत मिल गई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। जांच एजेंसी अब अपनी चार्जशीट में साध्वी का नाम नहीं देगी। बता दें कि एनआईए ने पहले ही इस मामले के एक अन्य आरोपी सेना के कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को भी क्लीन चिट दे दी थी।

एनआईए का क्या कहना है?

-एनआईए ने इस मामले में गहन जांच की थी।

-जांच एजेंसी को साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

-अदालत को जांच एजेंसी बताएगी कि एटीएस चीफ रहे हेमंत करकरे की जांच में गलती थी।

-कर्नल पुरोहित के खिलाफ भी सबूतों से छेड़छाड़ की गई थी।

-एनआईए के कदम से साध्वी की जल्दी ही जेल से रिहाई हो सकती है।

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एनआईए का आगे का कदम क्या?

-सभी आरोपियों पर से मकोका के तहत आरोपों को खत्म कर दिया जाएगा।

-गैरकानूनी कार्य (निषेध) एक्ट के तहत सभी को आरोपी बनाया जाएगा।

पहले महाराष्ट्र एटीएस ने की थी जांच

-मालेगांव धमाकों की जांच पहले महाराष्ट्र की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने की थी।

-साल 2011 में जांच को एनआई को सौंप दिया गया।

-इससे पहले इस मामले में एटीएस ने 16 लोगों को आरोपी बनाया था।

-एटीएस ने इनमें से 14 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

ब्लास्ट में कितने हुए थे हताहत

-29 सितंबर 2008 को मालेगांव में मस्जिद के बाहर बम फटा था।

-ये बम साइकिल पर रखा गया था।

-इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी, 79 लोग घायल हुए थे।

-इससे पहले साल 2006 में भी मालेगांव में धमाका हुआ था।

-उस मामले के सभी आरोपी पहले ही बरी किए जा चुके हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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