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आसाराम से IT वसूलेगा 750 करोड़, अब इस आश्रम पर निर्मोही अखाड़े का कब्जा

Admin
Published on: 21 April 2016 7:29 AM GMT
आसाराम से IT वसूलेगा 750 करोड़, अब इस आश्रम पर निर्मोही अखाड़े का कब्जा
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उज्जैन: बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के आरोप में जेल की सजा काट रहे आसाराम बापू को दो बड़े झटके और लगे हैं। एक तरफ आयकर विभाग ने आसाराम बापू के पास से 750 करोड़ जुर्माना टैक्स के तौर पर लेने की डिमांड रिपोर्ट तैयार की है। इस पर वित्त मंत्रालय को आखिरी फैसला लेना है। तो वहीं दूसरी तरह निर्मोही अखाड़े के साधुओं ने उज्जैन में स्थित आसाराम के आश्रम पर जमकर तोड़फोड़ की है। अखाड़े के साधुओं ने आसाराम को कलंक बताया है।

आयकर विभाग वसूलेगा 750 करोड़ रुपए

आयकर विभाग पिछले काफी समय से आसाराम की संपत्ति को लेकर जांच कर रहा था. विभाग को इस जांच में पता चला कि आसाराम और नारायण साई के पास आसाराम आश्रम के नाम पर 2500 करोड़ का बेनामी संपत्ति थी। इसमें आश्रम की प्रॉपर्टी के अलावा सूद पर दिए गए पैसों का भी हिसाब था। आयकर विभाग ने 6 साल का हिसाब निकाला जिसमें 30 फीसदी के हिसाब से 750 करोड़ के आसपास का बकाया आसाराम से निकलता है।

आसाराम के आश्रम पर निर्मोही अखाड़े का कब्जा

बीते बुधवार को अखाड़ा के साधुओं ने आसाराम के आश्रम पर हमला बोलते हुए जमकर तोड़फोड़ की। सिंहस्थ कुम्भ में हिस्सा लेने गए इन साधुओं ने आसाराम के आश्रम की जमीन पर डेरा डाला है। इन साधुओं ने यहां रहने के लिए जमीन को गंगाजल से पवित्र किया।

क्या कहना है प्रशासन का

एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि सिंहस्थ के चलते इस जमीन को जिवाजी पुलिस थाना के तहत मंगलनाथ क्षेत्र के प्लाट नंबर 330-2 पर स्थित आशाराम आश्रम की जमीन को निर्मोही अखाड़ा के लिए आवंटित किया गया है। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र के पास स्थित इस निजी भूमि को जिला प्रशासन द्वारा लेकर अस्थाई तौर पर अखाडों को सिंहस्थ के लिये दी जाती है।

'आसाराम संत कहलाने के काबिल नहीं'

निर्मोही अखाड़े के संत सुरेश दास जी महाराज ने बताया कि यह जमीन अस्थाई रूप से सिंहस्थ कुम्भ के चलते निर्मोही अखाड़े को दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन के आदेश के विपरीत आसाराम के सार्थक यह भूमि नहीं छोड़ रहे थें, लेकिन बाद में प्रशासन ने यह जमीन हमें दे दी है। उन्होंने कहा कि आसाराम अपने कर्मों के चलते संत कहलाने के काबिल नहीं हैं इसलिए आश्रम में लगी उनक सभी फोटोस हटा दी गई हैं।

वहीं आशाराम आश्रम के प्रबंधक रामजी मित्र का कहना था कि निर्मोही अखाडे के संतों ने हमारे पूजास्थल पर कब्जा कर लिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े के संतों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की हमारी कोई योजना नहीं है।।

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