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पद्मावती पर खेमो में बटीं संसदीय समिति, भंसाली और जोशी में झड़प

Gagan D Mishra
Published on: 30 Nov 2017 7:57 PM IST
पद्मावती पर खेमो में बटीं संसदीय समिति, भंसाली और जोशी में झड़प
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नई दिल्ली: जो खबर छन कर बाहर आ रही है , यदि वह सही है तो फिर फिल्म पद्मावती का विवाद अभी सुलझने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं। संसदीय समिति के एक गुट ने इस फिल्म के साथ-साथ अब इसके प्रोमो को भी प्रतिबंधित करने की मांग सामने रख दी है। दूसरी तरफ इस मुद्दे पर आज ही समिति के सामने पेश हुए फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली और फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के बीच तीखी झड़प की भी खबर है। इसी दरमियान संसदीय समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा है की आखिर ऐसा क्या है कि फिल्म को प्रमाणन बोर्ड से पहले ही मीडिया के एक वर्ग को दिखा दिया गया।

उन्होंने कहा कि हमने विवाद खत्म करने की पहल की है। हम जानना चाहते थे कि आखिर यह फिल्म शूटिंग के समय से ही विवादों में क्यों रही है। क्यों इसे मीडिया के एक वर्ग को दिखाया गया।

सूत्र बता रहे हैं कि इस मामले में संसदीय समिति के समक्ष फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी की पेशी के दौरान काफी नोंकझोंक हुई। इसमें बीजेपी के दो और शिवसेना के एक सदस्य ने न सिर्फ फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की, बल्कि फिल्म के प्रोमो को भी वापिस लेने की मांग की।

संसदीय समिति के सदस्यों ने इसे मीडिया के एक वर्ग को दिखाने पर भी आपत्ति जताई। समिति के समक्ष भंसाली ने सफाई दी कि फिल्म इतिहास नहीं बल्कि मलिक मोहम्मद जायसी की कविता पर आधारित है। हालांकि समिति के गैर राजग सदस्यों का कहना था कि जब फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास ही नहीं किया है तो इस पर सवाल-जवाब बेमानी है।

अपनी सफाई में निर्माता भंसाली ने संसद की सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्थाई समिति से कहा कि उनकी फिल्म इतिहास आधारित नहीं है। उन्होंने तो जायसी की पद्मावती पर लिखी कविता के आधार पर फिल्म बनाई है। संजय के इस जवाब पर बीजेपी सांसद ओम बिड़ला ने पूछा कि जायसी ने पद्मावती पर सौ साल बाद कविता लिखी थी। यह सत्य कैसे हो सकता है? उन्होंने इस दौरान फिल्म के प्रोमो पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसमें पद्मावती को घूमर नृत्य करते दिखाया गया है जो बेहद आपत्तिजनक है।

समिति में ही राजस्थान बीजेपी के एक अन्य सांसद सीपी जोशी ने कहा कि इस विवादास्पद फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इसका प्रोमो भी वापस लिया जाना चाहिए। बिड़ला और शिवसेना सांसद राजन विचारे ने इसका समर्थन किया।

सूत्र बता रहे हैं कि इस दौरान समिति के गैरराजग सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जब फिल्म को अभी सेंसर बोर्ड ने पास ही नहीं किया है तब किसी तरह का सवाल-जवाब उचित नहीं है। इस दौरान सेंसर बोर्ड के मुखिया प्रसून जोशी ने समिति को विस्तार से जानकारी दी। जोशी ने कहा कि उन्होंने फिल्म नहीं देखी है। इस फिल्म में सेंसर बोर्ड की भूमिका के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के तहत पहले इसे क्षेत्रीय समिति देखती है। केंद्रीय समिति विशेष परिस्थिति में ही फिल्म देखती है। प्रसून ने इस दौरान स्वीकार किया कि फिल्म के प्रोमो को मंजूरी दी गई है।

Gagan D Mishra

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