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कुछ चुनिंदा पत्रकारों को पद्मावती दिखाए जाने पर सेंसर बोर्ड नाराज

Gagan D Mishra
Published on: 18 Nov 2017 2:40 PM IST
कुछ चुनिंदा पत्रकारों को पद्मावती दिखाए जाने पर सेंसर बोर्ड नाराज
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नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। फिल्म की कहानी को लेकर नाराज क्षत्रीय समाज के बाद अब इसकी प्राइवेट स्क्रीनिंग किए जाने से सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन भी खफा हो गया है।

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बतादें, कि शुक्रवार को कुछ चुनिंदा संपादकों के लिए फिल्ममेकर ने पद्मावती की स्पेशल स्क्रीनिंग रखी थी। इस स्क्रीनिंग में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा औऱ रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी समेत कुछ खास लोगों को बुलाया गया था।

फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग पर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बयान जारी कर कहा है,"ये बेहद निराशाजनक है कि सेंसर बोर्ड को दिखाए बगैर या उसके प्रमाणित किए बिना ही पद्मावती फिल्म की मीडिया के लिए स्क्रीनिंग हो रही है, नेशनल चैनल्स पर उसकी समीक्षा हो रही है।"

उन्होंने कहा कि, "पद्मावती' देखने के बाद सोशल मीडिया पर सभी ने फिल्म को लेकर अपने विचार साझा किए है। प्रसून जोशी का कहना है 'सेंसर बोर्ड से पहले ऐसे फिल्म दिखाना गलत। ऐसे में फिल्म की रिलीज डेट पर असर पड़ सकता है।"

प्रसून जोशी ने कहा, "पद्मावती के रिव्यू की एप्लिकेशन इसी हफ्ते मिली थी। मेकर्स जानते हैं कि पेपर वर्क कम्पलीट नहीं है।

उन्होंने कहा, "फिल्म के डॉक्यूमेंट्स में यह बात भी साफ नहीं है कि यह एक फि‍क्शन है या हिस्टोरिकल। पेपर्स अधूरे होने और फिल्म की कैटेगरी को ब्लैंक छोड़ने की वजह से ही सेंसर ने मूवी मेकर्स से ये दस्तावेज मुहैया कराने के लिए कहा है। हैरानी की बात है कि इसके बाद भी सेंसर बोर्ड पर फिल्म के सर्टिफिकेशन में देरी करने का आरोप लगाया जा रहा है।"

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दरअसल, राजस्थान में करणी सेना, बीजेपी के कुछ नेता और हिंदूवादी संगठनों ने संजय लीला भंसाली पर इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। राजपूत करणी सेना का मानना है कि इस फिल्म में पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। लिहाजा, फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए।



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