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PM ने काशी में बांटी थी ई-बोट, बैटरी डिस्चार्ज, हाथ से चला रहे माझी
वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके सिपहसालार ही उनकी किरकरी कराने में लगे हैं। पिछले दिनों एक मई को गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पीएम ने अस्सी घाट पर नाविकों को ई-बोट का तोहफा दिया था। अभी एक वीक भी नहीं हुअा है कि ई-बोट में ई गायब हो गया है। यानी ये बोट बैटरी से नहीं बल्कि पारंपरिक तरीके यानी चप्पू के सहारे ही चलाई जा रही है।
सोलर पैनल का पता नहीं
ई-बोट फिलहाल तो बैटरी से चल रही है लेकिन पीएम मोदी ने अस्सी घाट से बोलते हुए कहा था कि जल्द से जल्द यह सोलर पैनल से लैस होगी।
फिलहाल बैटरी से भी बोट नहीं चल पा रही है उसके मेंटिनेंस का दावा करने बीएमसी कंपनी का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इसका जायजा लेने नहीं गया।
बोट तो बाट दिया गया लेकिन उसकी बैटरी को चार्ज करने का कोई उपाय नहीं किया गया। नाविक बताते हैं कि बैटरी जो लगाई गई है वो बहुत अच्छी नहीं है।
ई-बोट में क्या आ रही दिक्कत
पीएम मोदी को ई रिक्शा पर बैठा कर गंगा की सैर कराने वाले मांझी वीरेंद्र निसाद ने बताया कि ई बोट चल तो रही है लेकिन उसकी बैटरी चार्ज करने में परेशानी हो रही है।
भारी बैटरी को चालिस फीट ऊपर लेकर चार्जिंग के लिए जाना पड़ता है। आठ घंटे चार्ज करने के बाद यह सिर्फ आठ घंटे चलती है।
वीरेंद्र ने बताया कि इन बोटों पर अगर सोलर पैनल लगाया गया तो उसके वेट से बोट के पलटने का खतरा बना रहेगा।
घोषणा 11 की बांटे गए सिर्फ 6 बोट
अस्सी घाट पर ई-बोट वितरण करते समय ये कहा गया कि 11 नाव वितरित की गईंं
जबकि पुरानी नावों को फिर से सुसज्जित कर उस पर सोलर पैनल व बैटरी लगाकर इस तरह से प्रचारित किया गया मानों नई नावें वितरीत की गई हों।
इस बारे मे जिन नाविकों को नावें मिली हैं उन्होनें बताया कि जो नावें मिली हैं वो तो उनकी ही हैं और पुरानी ही हैं।
अंतर इतना है कि इसे नया रूप दे दिया गया है।
इस बारे में नावों को फाइनेंस करने वाली भारती माइक्रो क्रेडिट के प्रमुख विजय पाडे से संपर्क किया गया।
उन्होंने फोन पर एक्सेप्ट किया कि जो नावें दी गई हैं, वो पुरानी हैं और उन्होंने उसे रिनोवेट करके दिया गया है।
क्या कहा कंपनी के निदेशक ने
पीएम एक मई को वाराणसी दौरे पर थे जहां उनको 11 ईको बोट का वितरण करना था।
उद्देश्य ये था कि नाविकों की कम मेहनत के बाद ज्यादा कमाई हो पाएगी।
कार्यक्रम का प्रचार प्रसार में लोगों को लगा कि पीएम नई नावें बांटेंगे।
लेकिन, यहां पुरानी नावें ही नाविकों से लेकर उन्हें ही सजाकर बांट दी गईं।
कंपनी के निदेशक का कहना है कि अभी इन नावों का ट्रायल लिया जा रहा है सफल होने पर नई बोट दी जाएगी।