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PM ने BHU की डिग्री ना लेने के लिए मांगी माफी, कहा-मैं काशी का कर्जदार
वाराणसी: पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी छठी बार काशी दौरे पर हैं। पीएम मोदी रविदास मंदिर में मत्था टेकने के बाद बीएचयू के कॉन्वोकेशन में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा, ''बीएचयू का नाम नालंदा और तक्षशिला की तरह याद किया जाएगा। 100 साल में बीएचयू से कई मेधावी स्टूडेंट्स निकले।'' भाषण खत्म करने के बाद मोदी एक बार फिर पोडियम पर आए और डॉक्टरेट की डिग्री नहीं लेने के लिए माफी मांगी और कहा, ''बीएचूय में आना ही मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। वाराणसी ने जो मुझे दिया है वो दुनिया की कोई यूनिवर्सिटी नहीं दे सकती। मैं बनारस का कर्जदार हूं।"
PM ने और क्या कहा...
-मैं कई दीक्षांत समारोह में गया,लेकिन बीएचयू के शताब्दी दीक्षांत समारोह की बात अलग है।
-बीएचयू के 100वें दीक्षांत समारोह में होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
-ये दीक्षांत समारोह है, कभी मन में न लाएं कि ये शिक्षांत समारोह है।
-दीक्षांत समारोह को शिक्षा के आरंभ का समारोह होना चाहिए।
-हमारे अंदर के विद्यार्थी को भी मरना या मुरझाना नहीं चाहिए।
-हमारे देश में शिक्षा के बाद दीक्षा की परम्परा है।
-हर पल कुछ नया करने की इच्छा ही जीवन है।
-जिज्ञासा विकास की जड़ों को मजबूत बनाती है।
-देश और दुनिया के सामने बहुत चुनौतियां हैं।
-भारत इन चुनौतियों का सामना कर हल निकाल सकता है।
-बीएचयू के लोग दुनिया के सामने कई हल दे सकते हैं।
-प्रकृति के साथ संघर्ष नहीं संवाद होना चाहिए।
पीएम मोदी ने बीएचयू के दीक्षांत समारोह में कहा कि रियून्येबल इनर्जी को स्थायी और सस्ती बनाने के लिए भारत, अमेरिका, फ्रांस और बिल गेटस फाउंडेशन मिल कर काम कर रहे हैं। इसका हेड क्वार्टर भारत में बनाया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद हाल ही में भारत आए थे, जिसमें इस काम के लिए हेड क्वार्टर भारत में बनाने पर सहमति हुई। उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की परेशानी का भी जिक्र किया और कहा कि इसके अपव्यय से एथेनॉल बनाया जा सकता है, जिसे पेट्रोलियम पदार्थ में मिलाने से बडी समस्या हल की जा सकती है ।इससे गन्ना किसान खुशहाल भी होगा ।इसकी खोज में बीएचयू सहायक हो सकता है ।
'मेरे खास मेहमान हैं यहां'
पीएम मोदी ने कहा, ''मैंने यहां अपने कुछ खास मेहमानों को भी बुलाया है। ये हैं सरकारी स्कूल में कुछ स्टूडेंट्स। मैंने यूनिवर्सिटी से कहकर यहां अन्हें बुलाया है। मैं सभी यूनिवर्सिटीज से कहता हूं कि कॉन्वोकेशन में वहां के गरीब स्टूडेंट्स को बुलाएं। ताकि वो देख सकें कि कॉन्वोकेशन क्या होता है। ये पोशाक क्यों पहनते हैं। हाथ में क्या दिया जाता है, गले में क्या पहनाया जाता है। मैं आग्रह करूंगा मेडल लेने वाले स्टूडेंट्स भी उनके बात करें। ''
रविदास मंदिर में किए दर्शन
इससे पहले रविवार देर रात काशी पहुंचे पीएम मोदी ने आज संत रविदास मंदिर जाकर उन्हें नमन किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पूजा करने के बाद उन्होंने लंगर भी खाया। इससे पहले उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि संत रविदास के विचारों से समाज में काफी बदलाव आया है।
नीचे देखिए, बीएचयू के 100वें कॉन्वोकेशन में दिए गए मोदी के भाषण का पूरा वीडियो...