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WEF में PM मोदी बोले- भारत में रेड टेप हटाकर रेड कार्पेट बिछाया जा रहा
दावोस: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (23 जनवरी) को विश्व आर्थिक मंच (WEF) की 48वीं बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने बदलते समय में 'बदलते भारत' की बात की। बताया कि किस तरह बीते 20 सालों में भारत की जीडीपी पहले की तुलना में 6 गुना तक हो चुकी है। साथ ही पीएम ने भारतीयता को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अहम बताया। उन्होंने कहा, आज विश्व के देशों में विकास तो हो रहा है लेकिन ध्यान देने की जरूरत है कि क्या यह विकास वैश्विक समाज में दरार तो पैदा नहीं कर रहा।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत 'नमस्कार' से की। सबसे पहले उन्होंने इस आयोजन के लिए स्विट्जरलैंड सरकार और उनके नागरिकों को धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, आखिरी बार 20 साल पहले देवेगौड़ा जी ने इस मंच से भारत की बात रखी थी। लेकिन तब से अब तक काफी बदलाव आ चुका है।
उन्होंने कहा, 1997 के बाद कोई भारतीय पीएम दावोस आया है। 1997 से अब तक भारत की जीडीपी 6 गुना हो चुकी है। तकनीक के आज भी आगे है। पीएम मोदी ने कहा, आज के समय में साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। दुनिया डाटा के भंडार से भरा पड़ा है। आज से 20 साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी।
1997 में बहुत कम लोगों ने ओसामा का नाम सुना था
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कि '1997 में बहुत कम लोगों ने ओसामा बिन लादेन का नाम सुना था। कंप्यूटर से हारने का डर शतरंज के खिलाड़ियों में नहीं था। उस वक्त इंटरनेट पर आपको जंगल और नदियों के बारे में जानकारी मिलती थी।' उन्होंने अमेजन का उदहारण देते हुए इसे समझाया।
'क्रिएटिंग अ शेयर्ड वर्ल्ड' थीम
आज दो दशकों बाद हमारा समाज एक जटिल नेटवर्क से बंधा है। उस वक्त इस मंच का स्लोगन था 'बिल्डिंग दि नेटवर्क सोसाइटी'। परंतु, आज हम सिर्फ नेटवर्क सोसाइटी ही नहीं, बल्कि बिग डेटा, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के युग में जी रहे हैं। तब भी दावोस अपने समय से आगे था और आज भी है। इस वर्ष 'क्रिएटिंग अ शेयर्ड वर्ल्ड' इसका थीम है।'
अर्थव्यवस्था समाज में दरारों को तरजीह तो नहीं दे रही
उन्होंने कहा, 'विज्ञान, तकनीक और आर्थिक तरक्की के नए आयामों में समाज को आगे बढ़ाने का दम है लेकिन इससे मानवता को बांटने का काम भी किया है। इससे शांति और समृद्धि का संतुलन भी बिगड़ गया है। गरीबी, बरोजगारी और प्राकृतिक संसाधनों के नियंत्रण की समस्या से पूरी दुनिया जूझ रही है। हमें सोचना है कि क्या हमारी अर्थव्यवस्था समाज में दरारों को तरजीह तो नहीं दे रही।'
'गुड टैरेरिस्ट-बैड टैरेरिस्ट' जैसी सोच ज्यादा खतरनाक
भारतीय पीएम ने कहा, कि भारत के सामने दूसरी सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है। आतंकवाद से दुनिया की सभी सरकारें परिचित हैं। लेकिन पीएम मोदी ने इसके दो आयामों यानि गुड टैरेरिस्ट और बैड टैरेरिस्ट जैसी सोच को ज्यादा खतरनाक बताया। बोले, इसके बीच के भेद को ख़त्म किया जाना चाहिए। यह सोच ज्यादा विनाशक है। पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद जितना खतरनाक है उससे भी अधिक खतरनाक पढ़ें-लिखे लोगों का आतंकवाद में लिप्त होना।
क्लाइमेट चेंज बड़ी चुनौती
पीएम मोदी ने कहा, कि 'आज समय है जब दुनिया के सामने कोई साझा चुनौती आए तो सभी को एकजुट होकर उनका सामना करने की जरूरत है।' पीएम मोदी ने कहा, 'दुनिया के सामने क्लाइमेट चेंज की बड़ी चुनौती है। हम इससे लड़ने के लिए अभी तक एकजुट होकर प्रयास नहीं कर पा रहे हैं।'
किसी देश की संस्कृति के पांव उखड़े, मंजूर नहीं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारतीय परंपरा में प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता है। हजारों साल पहले से भारत में 'हम सभी पृथ्वी की संतान हैं' जैसे सन्देश दिए जाते रहे हैं। आज हम पृथ्वी की संतानों में युद्ध क्यों चल रहा है? हमें ये मंजूर नहीं किसी भी देश की संस्कृति के पांव उखड़े।'
ग्लोबलाइजेशन की चमक कम हो रही
पीएम ने कहा, 'आज ग्लोबलाइजेशन की चमक धीरे-धीरे कम हो रही है। संयुक्त राष्ट्र अभी भी मान्य है, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद बने संगठन क्या आज के मानव की उम्मीदों को दिखाता है? उन्होंने कहा, समय आ गया है अब ग्लोबलाइजेशन के प्रवाह का रुख बदला जाए। द्विपक्षीय और बहुपक्षीय व्यापार समझौते रुक चुके हैं। सीमा पर व्यापार भी कम हो रहा है। इस चिंताजनक स्थिति का हल टकराव और दरार में नहीं है। इसका हल मौजूदा हालात को समझने में है।'
हमने 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' पर बल दिया
उन्होंने कहा, 'भारत के 60 करोड़ मतदाताओं ने साल 2014 में पहली बार किसी एक राजनीतिक पार्टी को इतना बड़ा बहुमत दिया। हमने 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' की नीतियों के बदलने की कवायद की। इसी का नतीजा है कि भारत में निवेश, कारोबार और टूरिज्म के लिए जाना इत्यादि पहले की तुलना में ज्यादा आसान हो सका है।'
रेड टेप हटाकर रेड कार्पेट बिछाया जा रहा
अपने सम्बोधन के आखिर में पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में रेड टेप हटाकर रेड कार्पेट बिछाया जा रहा है। ज्यादातर क्षेत्रों में ऑटोमैटिक रूट के जरिए विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई है। भारत में बीते तीन साल के अंदर सैकड़ों पुराने और बेकार हो चुके कानून को हटाने का काम किया गया है। देश में पार्दर्शिता को बढ़ाने के लिए देश में जीएसटी लागू किया गया है।'
पीएम मोदी ने विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक से अलग स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से मुलाकात की। उन्होंने उनसे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, कि 'दावोस पहुंचने पर मैंने स्विस कन्फेडरेशन के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट से बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं की समीक्षा की। इसे और मजबूत बनाने पर बात हुई।'