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तंजील मर्डर केसः पुलिस के हाथ लगा आरोपी मुनीर का दोस्त, पूछताछ जारी
आगराः तंजील मर्डर केस में आगरा के एक होटल में छापेमारी के दौरान पकड़े गए 6 संदिग्धों में एक मुख्य आरोपी मुनीर का दोस्त बताया जा रहा। पुलिस उसी युवक को अपने साथ मुरादाबाद ले गई है। सूत्रों की माने तो पुलिस ने बार्डर पर अलर्ट जारी कर दिया है क्योंकि मुनीर नेपाल भागने की फिराक में है।
पुलिस की चुप्पी का इशारा किस ओर?
-शुक्रवार को नाई मंडी स्थित गेस्ट हाउस से बिजनौर पुलिस ने 6 संदिग्धों को अरेस्ट किया ।
-5 संदिग्धों को आगरा पुलिस के हवाले कर एक को पुलिस अपने साथ मुरादाबाद ले गई।
-सूत्रों की मानें तो वह युवक डिप्टी एसपी के हत्यारोपी मुनीर का दोस्त बताया जा रहा है।
-होटल संचालक का खुद को निर्दोष करार देना और पुलिस का इस मामले पर चुप रहना, इन सवालों को मजबूती दे रहा है।
-गिरफ्तार युवकों में से एक युवक का आईकार्ड मुनीर के पड़ोसी गांव का बताया जा रहा है।
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डिप्टी एसपी ने तोड़ी थी स्लीपर सेल
-एनआईए अधिकारी सीक्रेट कोड रिकवर करने के माहिर माने जाते थे।
-उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश से स्लीपर सेल की कमर तोड़ने के लिए काम किया था।
-उनकी हत्या के पीछे आतंकी कनेक्शन निकल कर सामने आ रहे हैं।
-इसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंतक को एक बार फिर से जन्म दे दिया है।
-खुफिया एंजेसियों और पुलिस की जांच में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आंतक की आहट मिल रही है।
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-एनआईए अधिकारी की हत्या के संदिग्धों की तलाश में पुलिस और खुफिया तंत्र के निशाने पर अल्पसंख्यक इलाके रहे हैं।
-मामला हाईप्रोफाइल है इसलिए पुलिस के आला अफसरों ने भी अपने मुंह पर ताला लगा लिया है।
-कयास भले ही कुछ हो लेकिन अफसरों की चुप्पी और बाहरी जिले के खुफिया तंत्र की सक्रियता कुछ बड़े संकेत दे रही है।
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क्या था पूरा मामला?
-एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद की शनिवार रात स्योहारा थाना क्षेत्र के सहसपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
-तंजील अपने परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे।
-पठानकोट हमले की जांच से जुड़े तंजील की हत्या के पीछे आतंकी कनेक्शन का शक भी जताया जा रहा है।
-एनआईए और यूपी पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
आगरा में ले चुके हैं कई आतंकी शरण
-आतंकी एजाज हो या रिचर्ड हेडली इन आतंकियों का जिक्र आते ही आगरा का नाम सामने आता है।
-आगरा में इससे पहले भी कई आतंकी शरण पाकर अपने मंसूबों को अंजाम दे चुके हैं।
-इन मामलों की पुलिस को कानों-कान खबर तक नहीं लगी।
-जय हॉस्पिटल और टेडी बगिया के ढाबे पर बम ब्लास्ट आदि ऐसी घटनाएं है जिनका खुलासा सुरक्षा एजेंसिया आज तक नहीं कर पाई।
-हर बार आंतकियों का आगरा आकर चले जाना भी आगरा को उनकी पसंदीदा शरण स्थली होने का सबूत देने के लिए काफी है।
-अब अफसर चुप्पी भले ही साधे रहे लेकिन ये आंतकी गतिविधियां इस बात का सबूत हैं कि कहीं न कहीं आगरा में आंतकी सक्रिय हैं।
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प्याऊ पर लिखा था आईएसआईएस कमिंग सून
कुछ महीने पूर्व शहर के व्यस्ततम इलाके फुल्लटी बाजार में एक प्याऊ पर आईएसआईएस कमिंग सून लिखा हुआ मिलने से पुलिस विभाग और खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया था। हालांकि बाद में अधिकारियों ने इसे किसी सिरफिरे की शरारत करार दे दिया था।