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धन्य है यूपी ! देखिए कैसे प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर के नाम पर BJP का प्रचार
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं डॉक्टरों को लिखना अनिवार्य हो चुका है। केंद्र से मिले निर्देशानुसार, अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं ही मरीजों को दी जा रही हैं। केवल गंभीर हालत में ही वैकल्पिक दवाओं का सहारा लेने की परमीशन है।
लखनऊ : प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं डॉक्टरों को लिखना अनिवार्य हो चुका है। केंद्र से मिले निर्देशानुसार, अस्पतालों में जेनेरिक दवाएं ही मरीजों को दी जा रही हैं। केवल गंभीर हालत में ही वैकल्पिक दवाओं का सहारा लेने की परमीशन है।
अभी तक मरीजों को उनकी पर्ची पर जेनेरिक दवा केवल हॉस्पिटल के औषधि केंद्र पर ही मिलती है। लेकिन, इस साल के आखिरी तक परिसर में ही आपको जन औषधि स्टोर की सुविधा मिलने लगेगी। इसके लिए योगी सरकार सूबे के 1,000 अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोलने की तैयारी कर रही है। बता दें, कि मंगलवार को राजधानी के गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना को लेकर प्री बिड बैठक का आयोजन किया गया।
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क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री ?
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रदेश भर में इसके लिए 660 केंद्र चिन्हित भी हो चुके हैं। इस साल के आखिरी तक सरकारी अस्पतालों में जन औषधि स्टोर खुलना निर्धारित किया गया है। सरकारी अस्पतालों में जन औषधि स्टोर खुलने से जेनेरिक दवाओं की कमी दूर हो जाएगी। अभी तक मरीजों को जो जेनेरिक दवाएं डॉक्टर्स द्वारा लिखी जाती हैं, उनमें कुछ दवाएं नहीं मिल पाती है। सरकारी अस्पतालों में जन औषधि स्टोर खुलने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
सस्ती दामों पर मिलेगी दवाएं
सरकारी अस्पतालों में खुल रहे जन औषधि स्टोरों पर मरीजों को कम दामों पर दवाएं मिलेंगी। अभी तक दवाएं नहीं मिलने पर मजबूरी में लोगों को ब्रांडेड दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन, अस्पताल परिसर में ही स्टोर खुल जाने से कम दामों पर दवाएं उपलब्ध रहेंगी।
www.uppmbjp.com पर रहेगी जानकारी
योजना के संचालन के लिए www.uppmbjp.com नाम से पोर्टल बनाया गया है। इसी वेबसाइट पर लोगों को जेनेरिक दवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। इस पोर्टल पर रियल टाइम आधार पर जन औषधि केंद्र की स्थिति, दवाओं के स्टॉक, दवाओं के दाम आदि के बारे मे पूरी जानकारी मिलेगी।
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के नाम पर 'बीजेपी' का प्रचार
योगी सरकार अपने प्रचार-प्रसार को लेकर कोई कमी नहीं छोड़ती है। लेकिन, जन औषधि केंद्र के संचालन को लेकर जो www.uppmbjp.com वेब पोर्टल तैयार किया गया है, उसमें भारतीय जनता पार्टी का शॉर्ट नाम 'बीजेपी' प्रयोग किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरकारी क्षेत्र में वेब पोर्टल पर पॉलिटिकल पार्टी के नाम का प्रयोग करना पूरी तरह से गलत है।
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SACHIS कंपनी को मिला है संचालन का जिम्मा
यूपी में जन औषधि परियोजना के संचालन का जिम्मा साचीज (स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रीहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज) एजेंसी को मिला है। इसके मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक कुमार मित्रा नियुक्त किए गए हैं। केंद्रों के संचालन के लिए पूरे प्रदेश को क्लस्टर में बांटा गया है। इसी के तहत प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना यूपी में कार्य करेगी।
क्या है जेनेरिक दवाएं?
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत देशभर में जेनेरिक मेडिसिन स्टोर खोला जाना है। जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड नहीं होती हैं। लेकिन, यह ब्रांडेड दवाओं की तरह ही प्रभावशाली होती हैं। इसके साथ ही इन्हें अफोर्डेबल प्राइज पर खरीदा जा सकता है। जेनेरिक दवाएं बांडेड दवाओं की तुलना में 5 से 10 गुना कम दामों पर मिलती हैं। उसी क्वालिटी की दवा कम रेट पर मिलने से मरीजों को दवा खरीदने में कम पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
अस्पतालों में जगह आवंटन
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाओं की बिक्री के लिए जगह आवंटित हो चुकी है। पहले चरण में शहर के 23 अस्पतालों में जेनेरिक दवाओं के स्टोर खोले जाएंगे। अस्पतालों से प्रस्ताव मिलने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने लाइसेंस जारी करना शुरू कर दिया है। अभी तक राजधानी के 10 अस्पतालों को लाइसेंस मिल चुके हैं।
राजधानी के इन अस्पतालों को मिल चुका है लाइसेंस
-बलरामपुर जिला अस्पताल
-रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय
-डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
-श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल
-लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय
-वीरांगना झलकारीबाई बाल महिला चिकित्सालय
-मेडिकल कॉलेज में 10 काउंटर बन रहे हैं।
जेनेरिक मेडिकल स्टोर यहां मिलेंगे
-माल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
-बक्शी का तालाब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
-गोसाईंगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
-चिनहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
-काकोरी और सरोजनीनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
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क्या कहना है सीएमओ का ?
जेनेरिक दवाओं के बारे में सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेयी का कहना है कि अस्पतालों में स्टोर खुलने से इलाज की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही मरीजों को दवाएं कम दामों पर मिलने से काफी राहत मिलेगी। जल्द ही राजधानी के अस्पतालों में जन औषधि स्टोर दिखने लगेंगे। जेनेरिक दवाएं मिलने लगेंगी।
जेनेरिक मेडिसिन स्टोर खोलने के नियम
कोई भी व्यक्ति जिसके पास फार्मासिस्ट की डिग्री हो। एनजीओ या कोई भी संस्थान स्टोर खोलने के लिए एप्लीकेशन दे सकता है। यह ध्यान में रखते हुए एप्लीकेशन देना है कि वह व्यक्ति या संस्था कहीं और कार्य तो नहीं कर रही है।
स्टोर खोलने के लिए 120 स्क्वायर फीट की जगह होनी चाहिए। यह अपनी या किराए की भी हो सकती है। फार्मासिस्ट के पास उसका सर्टिफिकेट होना चाहिए।
रिटेल ड्रग लाइसेंस और टिन नंबर होना चाहिए। जो व्यक्ति या संस्थान स्टोर के लिए एप्लीकेशन दे रहा है, उसकी माली हालत अच्छी होनी चाहिए और टैक्स फाइल होना चाहिए। पिछले तीन सालों का सभी फाइनेंसियल ब्यौरा देना होगा।