×

यहां 800 स्कूलों में नहीं बिजली, 44 डिग्री पारे में कैसे पढे़ं बच्‍चे?

Admin
Published on: 23 April 2016 1:09 PM GMT
यहां 800 स्कूलों में नहीं बिजली, 44 डिग्री पारे में कैसे पढे़ं बच्‍चे?
X

बुलंदशहरः यूपी सरकार विकास और पढ़ाई के लाख दावे करे, लेकिन बुलंदशहर में आठ सौ से ज्यादा ऐसे प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें पिछले एक दशक से बिजली-पंखे का इंतजाम नहीं है। गरमी का पारा 44 डिग्री के पार पहुंच चुका है, स्‍कूलों में बच्‍चों ने आना बंद कर दिया है लेकिन विभाग और प्रशासन को शायद इसकी कोई परवाह नहीं है।

जिले में करीब 2475 प्राइमरी और उच्च प्राथमिक स्कूल है। हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में करीब-करीब सभी स्कूलों को मतदान केंद्र बनाया गया था। इन केद्रों पर विद्युतीकरण और पंखा लगाए जाने थे। इस काम के लिए लाखों रुपए का बजट भी आया। लेकिन सारा कार्यक्रम कागजों पर ही सिमटकर रह गया। विद्युतीकरण के नाम पर विभाग को मिले पैसे का क्या हुआ कोई नही जानता। जिले में अभी भी 800 से ज्यादा ऐसे स्कूल मौजूद है जिनमें बिजली कनैक्शन नहीं है। बच्चे 44 डिग्री पारे में कैसे पढ़ रहे है।

गर्मी में बेहाल प्राइमरी स्कूल में बच्चे गर्मी में बेहाल प्राइमरी स्कूल में बच्चे

7 साल पहले लगा था पंखा

बुलंदशहर सिटी की पुलिस लाइन के सरकारी प्राइमरी स्कूल में पंखा, फिटिंग और बिजली कनेक्शन के लिए पिछले कई सालों से प्रयास कर रही है। इस स्कूल की हैड मास्टर श्रीमती यास्मीन बानो बताती हैं कि 2010-11 में यूपी की सीएम मायावती के आने की खलबली के बाद स्कूल के स्टाफ ने अपनी जेब से खर्चा करके कुर्सी बचाने के लिए बिजली फिटिंग और पंखा लगवाया था। मायावती के खौफ से डरे बिजली अफसर स्कूल में खंभा लगाकर अवैध कनैक्शन भी कर गए। लेकिन खौफ खत्म होने के बाद कुछ दिन पंखा चला और फिर हमेशा के लिए बंद हो गया। अब स्कूल के बच्चे और सारे शिक्षक गर्मी में ही शिक्षण कार्य करते है।

एक कमरे में बैठते हैं 40 बच्चे

सिविल लाइंस प्राइमरी पाठशाला के स्‍टूडेंट रिंकू ने बताया कि स्कूल में इमारत के नाम पर केवल एक ही कमरा है और उसमें 40 बच्चों के बैठने के बाद गरमी से बुरा हाल होता है। मास्टरजी से कहते है कि पंखा लगवा दो, लेकिन वह भी क्या करें। स्कूल में बिजली ही नहीं है।

स्कूल में नहीं है बिजली कनैक्शन

स्कूल की हैड मास्टर नुसरत फातिमा बताती हैं कि देहात में बिजली कनैक्शन के लिए सरकार ने पैसा दिया, लेकिन शहरी इलाकों के स्कूलों के लिए कभी सोचा भी नहीं गया। किसी भी स्कूल में बिजली का कनैक्शन तो दूर, पंखा लगाने या फिटिंग के बारे में भी नहीं सोचा गया। हर साल तपती गरमी में बच्चों को पढ़ाना पढ़ता है और बच्चे ऐसे माहौल में बेहाल हो जाते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

बेसिक शिक्षा अधिकारी वेदराम बताते हैं कि जितना बजट मौजूद था उससे विद्युतीकरण के लिए स्कूलों को जारी कर दिया गया है। लेकिन अभी करीब 800 स्कूल ऐसे है जिनके विद्युतीकरण बजट के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि अप्रैल के अंत में भेजे गये प्रस्ताव का बजट कब तक आयेगा। बीएसए साहब कहते है कि अधिकारी अपना काम कर रहे है, बजट कब तक आयेगा ये ऊपर बैठे अधिकारी जानते है।

Admin

Admin

Next Story