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दशहरे पर मोदी ने फिर PAK को चेताया, कहा-आतंकवाद के रावण का होकर रहेगा दहन
लखनऊ:ऐशबाग रामलीला पहुंचे पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत 'जय श्रीराम' के नारे से की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी लोगों को विजयदशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज अतिप्रचीन रामलीला समारोह में सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला है।
मोदी ने परोक्ष रूप से पाक पर हमला बोलते हुए कहा कि जो आतंकवाद करते हैं, उनको जड़ से खत्म करने की जरूरत पैदा हुई है। जो आतंकवाद को पनाह देते हैं, जो आतंकवाद की मदद करते हैं, अब तो उन्हें भी बख्शा नहीं जा सकता है। श्रीकृष्ण के जीवन में भी युद्ध था, राम के जीवन में भी युद्ध था, लेकिन हम वो लोग हैं जो युद्ध से बुद्ध की ओर चले जाते हैं। समय के बंधनों से, परिस्थितियों की आवश्यकताओं से युद्ध कभी-कभी अनिवार्य हो जाते हैं, लेकिन यह धरती का मार्ग युद्ध का नहीं, बुद्ध का है।
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क्या कहा मोदी ने
-पीएम मोदी ने जय श्रीराम कहकर अपने भाषण की शुरुआत की।
-उन्होंने विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं।
-पीएम ने कहा कि हिंदुस्तान की धरती का ये वो भू भाग है जिसने ऐसे तीर्थ रूप जीवन हमे दिए हैं
-जिसमें एक राम और दूसरे कृष्ण इसी धरती पर मिले।
-ऐसी धरती पर विजयदशमी पर आकर राम को नमन करना इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है।
-यह असत्य पर सत्य की जीत का पर्व हैै। इस त्योहार में हमारे जीवन में जो बुराईयां हैं उन्हें हमे जलाना है।
पाक पर बोला हमला
-जो आतंकवाद करते हैं, उनको जड़ से खत्म करने की जरूरत पैदा हुई है।
-जो आतंकवाद को पनाह देते हैं, जो आतंकवाद की मदद करते हैं, अब तो उन्हें भी बख्शा नहीं जा सकता है।
-पूरा विश्व तबाह हो रहा है। दो दिन से हम सीरिया की एक छोटी बच्ची की तस्वीर देख रहे हैं।
-आंख में आंसू आ जाते हैं कि कैसे निर्दोषों की जान ली जा रही है।
-आतंकवाद खत्म किए बिना मानवता की रक्षा नहीं हो सकती है।
हम युद्ध से बुद्ध की ओर जाते हैं
-श्रीकृष्ण के जीवन में भी युद्ध था, राम के जीवन में भी युद्ध था, लेकिन हम वो लोग हैं युद्ध से बुद्ध की ओर चले जाते हैं।
-समय के बंधनों से, परिस्थितियों की आवश्यकताओं से युद्ध कभी-कभी अनिवार्य हो जाते हैं, लेकिन यह धरती का मार्ग युद्ध का नहीं, बुद्ध का है।
-यह देश सुदर्शन चक्रधारी मोहन काेे युगपुरुष मानता है, जिन्होंने युद्ध के मैदान में गीता का उपदेश दिया।
वहीं, चरखा चलाने वाले, अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले मोहन को भी युगपुरुष मानता है।
इसलिए हम संतुलन बनाकर चलने वाले लोग हैं।
बुराईयों को खत्म करने का संकल्प और मजबूत करें
-यूं तो हर साल रावण जलाते हैं। आखिकार हमें इस परंपरा से क्या सबक लेना है।
-रावण को जलाते समय हमारा एक ही संकल्प होना चाहिए कि हम भी हमारे भीतर, हमारी सामाजिक रचना में, हमारे राष्ट्रीय जीवन में जितनी भी बुराइयां है, उन्हें ऐसे ही खत्म कर दें।
-हर साल रावण जलाते समय, हमें हमारी बुराइयों को खत्म करने के संकल्प को और मजबूत बनाना चाहिए
-हमे दशहरे पर यह आकलन करना चाहिए कि हमने कितनी बुराइयों पर विजय पाई हैंं।
-हमारे भीतर भी दशहरा जो शब्द है, उसका एक संदेश यह भी है कि हम हमारे भीतर की दस कमियों को खत्म कर दें।
-बिना बुराइयों पर विजय पाए जीवन कभी सफल नहीं होगा।
-ईश्वर ने सबमें यह सामर्थ्य दिया होता कि वो अपने अंदर की कुछ कमियों को खत्म कर सके।
-बुरी सोच के रूप में, विचार के रूप में जो रावण हमारे अंदर पनप रहा है उसका भी दहन करना चाहिए।
जटायु ने लड़ी आतंकवाद की पहली लड़ाई
-हजारों साल से हमारे यहां हमारी सांस्कृतिक विरासत को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक कथा के जरिए पहुंचाया जाता है।
-इस बार के मंच का विषय रहा है आतंकवाद।
-आतंकवाद, यह मानवता का दुश्मन है और प्रभु राम मानवता के उच्च मूल्यों का, आदर्शों का सम्मान करते हैं।
-विवेक, त्याग, तपस्या की एक मिसाल हमारे बीच छोड़कर गए हैं।
-आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले कौन लड़ा था।
-कोई फौजी था क्या, कोई नेता था क्या।
-रामायण गवाह है कि अगर आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहले लड़ाई किसी ने लड़ी थी तो वो जटायु ने लड़ी थी।
हम जटायु की तरह आतंक से संघर्ष कर सकते हैं
-एक नारी के सम्मान के लिए रावण जैसी सामर्थ्यवान शक्ति के खिलाफ वो लड़ता रहा, जूझता रहा।
-हम भले ही राम नहीं बन पाते हैं, लेकिन अनाचार, दुराचार और अत्याचार के सामने हम जटायु के रूप में तो कोई भूमिका अदा कर सकते हैं। -अगर सवा सौ करोड़ देशवासी एक बन करके आतंकवादियों की हर हरकत पर ध्यान रखें, चौकन्ने रहें तो वो कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।
-आज से 30 या 40 साल पहले हिंदुस्तान दुनिया को आतंकवाद की वजह से परेशानियों की चर्चा करता था तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता था।
आतंकवाद कितना भयंकर है 26/11 ने बता दिया
-26/11 के बाद सबको समझ आया कि आतंकवाद कितना भयंकर है।
-कोई अगर ये माने कि हम आतंकवाद से बचे हुए हैं तो वो यह गलतफहमी में ना रहे।
-इसकी कोई सीमा नहीं है। यह सबको निगलता जा रहा है। इसलिए पूरी दुनिया का इसके खिलाफ एकजुट होना जरूरी हो गया है।
हमारे समाज को तबाह कर रहे रावण
-जब मैं समाज के भीतर हमारे यहां जो बुराइयां हैं उन्हें भी नष्ट करना होगा।
-दुराचार, भष्ट्राचार जैसे रावण हमारे समाज को तबाह कर रहे हैं। इन्हें खत्म करने के लिए संकल्प लेना होगा।
-गंदगी भी रावण का एक छोटा सा रूप ही है। बीमारी गरीब परिवारों को तबाह कर देती है।
-गंदगी रूपी रावण से अगर मुक्ति पा ली तो कितने गरीब परिवार खुशहाल हो जाएंगे।
-अशिक्षा, अंधविश्वास भी तो समाज को नष्ट्र कर रहा है। इससे भी मुक्ति पाने के लिए पूरे समाज को संकल्प लेना होगा।
-पीएम मोदी ने ऐशबाग रामलीला ग्राउंड पहुंचकर भगवान राम की आरती की।
-यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने उनका स्वागत किया है।
-पीएम ने भगवान श्रीराम की आरती की और उनसे आशीर्वाद लिया है।
-पीएम को गदा, चांदी का धनुष और सुदर्शन चक्र देकर स्वागत किया गया है। पीएम ने धनुष से तीर चलाया है।
एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए पहुंचे पहुंंचे थे राजनाथ
-इससे पहले होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह, सीएम अखिलेश यादव और डीजीपी जावीद अहमद समेत कई नेताओं ने एयरपोर्ट पहुंचकर उनका स्वागत किया था।
-ऐशबाग रामलीला मैदान में जनता से ज़्यादा बीजेपी नेता और कार्यकर्ता पहुंचे।
-मैदान दर्शकों से भर गया। इस दौरान कई मोदी समर्थक गाजे-बाजे के साथ पहुंंचे।
-सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार पीएम लखनऊ आए हैं।
-रामलीला कमेटी ने समृृति चिन्ह देकर पीएम मोदी का स्वागत किया।
-ऐशबाग में जय श्री राम के नारे लगेे।
-ऐशबाग रामलीला मैदान में जनता से ज़्यादा बीजेपी नेता और कार्यकर्ता पहुंचे हैं।
राजनाथ ने कहा
-यह नगरी लक्ष्मण के नाम से जानी जाती है यह मिली जुली भारतीय संस्कृति का इतिहास है ।
-यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की कर्मभूमि है।
- मैं आपका अभिनंदन करना चाहता हूं कि आपने विश्व को बता दिया कि यह भारत है।
-पीएम ने भारत को बलवान बना दिया है।
-शिखर पर भृष्टाचार को खत्म करने पर पीएम ने सफलता पाई है।
-कोई बलवान, ज्ञानवान होने से बड़ा नहीं हो सकता है।
-रावण मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम से बलवान और ज्ञानवान माने जाते थे ।
-फिर भी उनकी पूजा नहीं भगवान राम की होती हैं ।
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