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संपत्ति को लेकर ठाकरे परिवार में जंग, जयदेव का उद्धव पर संगीन आरोप

Rishi
Published on: 20 July 2016 2:11 AM IST
संपत्ति को लेकर ठाकरे परिवार में जंग, जयदेव का उद्धव पर संगीन आरोप
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मुंबईः शिवसेना की स्थापना करने वाले बाल ठाकरे के परिवार में संपत्ति का विवाद गहरा गया है। शिवसेना के मौजूदा अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर उनके बड़े भाई जयदेव ने संगीन आरोप लगाया है। जयदेव ठाकरे का कहना है कि उद्धव ने धोखे में रखकर वसीयत पर पिता के दस्तखत करवा लिए थे।

जयदेव के क्या हैं आरोप?

-मुंबई के कोर्ट में जयदेव ठाकरे ने एफिडेविट दाखिल किया है।

-जयदेव के मुताबिक बाल ठाकरे उन्हें संपत्ति से बेदखल नहीं करना चाहते थे।

-उन्होंने कहा है कि पिता ने उन्हें कहा था कि वह उद्धव को ये बात न बताएं।

-उद्धव पर दस्तावेज दिखाए बिना वसीयत पर बाल ठाकरे से साइन कराने का आरोप लगाया।

-जयदेव के मुताबिक ये बात जनवरी 2011 में खुद उनके पिता ने बताई थी।

एफिडेविट में और क्या?

-जयदेव के मुताबिक अक्टूबर 2011 में बाल ठाकरे ने भरोसा दिलाया था कि वसीयत में शामिल करेंगे।

-दिसंबर 2012 में मीडिया के जरिए पता चला कि उन्हें वसीयत में शामिल नहीं किया गया।

-साल 2013 में बाल ठाकरे की वसीयत को जयदेव ने कोर्ट में चुनौती दी थी।

-उद्धव से संपर्क की कोशिश की, लेकिन जवाब न मिलने का दावा किया।

घर छोड़कर चले गए थे जयदेव

-बता दें कि जयदेव ठाकरे ने परिवार के घर 'मातोश्री' को 1995 में छोड़ दिया था।

-जयदेव का कहना है कि उन्होंने घर लौटने के बारे में पिता से पूछा, लेकिन जवाब नहीं मिला।

-घर छोड़ने में बड़ी पारिवारिक वजह का एफिडेविट में हवाला दिया।

-पारिवारिक वजह को सार्वजनिक करने से भी जयदेव का इनकार।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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