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भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच: विरोध और समर्थन की धूप छांव और जोश जीत का
सीमा पर पाकिस्तानी हमलों और मैदान में हाथ मिलाने के दोहरे मानदंड को लेकर देश भर में विभिन्न संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। हालांकि, खेलप्रेमी चाहते हैं, कि दोनों देशों के बीच मैच हो और सीमा पर मुंहतोड़ जवाब की तरह, भारत खेल के मैदान पर भी पाकिस्तान को पटखनी दे।
लखनऊ/बर्मिंघम: भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर सीमा का हाई टेंशन बर्मिंघम के खेल मैदान तक फैल गया है। एजबेस्टन का क्रिकेट ग्राउंड अचानक वार जोन में तब्दील हो गया है। चैंपियन्स ट्रॉफी के ग्रुप बी में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों भारत-पाकिस्तान की स्पोर्टिंग स्पिरिट में वार रूम का एक्साइटमेंट घुल गया है।
तो मैदान के बाहर भी, सीमा पर पाकिस्तानी हमलों और मैदान में हाथ मिलाने के दोहरे मानदंड को लेकर देश भर में विभिन्न संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। हालांकि, खेलप्रेमी चाहते हैं, कि दोनों देशों के बीच मैच हो और सीमा पर मुंहतोड़ जवाब की तरह, भारत खेल के मैदान पर भी पाकिस्तान को पटखनी दे।
विरोध-सरहद पर खेल का
इंग्लैंड में होने वाले इस हाई वोल्टेज टकराव का तनाव भारत में पहले से ही दिखने लगा है। खेल प्रेमी विराट की सेना के हमले देखना चाहते हैं, तो सीमा पर पाकिस्तानी करतूतों से आक्रोशित विभिन्न संगठन उसके साथ खेल संबंधों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।
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यहां तक कि मैच से कुछ घंटों पहले केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने उत्तर प्रदेश के पतेहपुर में बयान जारी कर भारत-पाकिस्तान के बीच चैंपियन्स ट्रॉफी मैच को तत्काल रोके जाने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर यह मैच होता है, तो यह शहीदों का अपमान होगा।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने भी भारत-पाक के क्रिकेट मैच का फिर विरोध किया है। ठाकरे ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ मैच खेल कर हम अपने सैनिकों को गलत सन्देश देंगे। ठाकरे ने कहा कि जब सीमा पर जवानों को शहीद किया जा रहा हो, तो उनके साथ मैच खेलना बेशर्मी है।
नई दिल्ली में हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया।
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खेल और युद्ध साथ नहीं
धौनी के शहर रांची में युवा क्रांति दल नामक संगठन ने भी मैच रद्द करने की मांग करते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों के साथ भारत-पाकिस्तान मैच रद्द करो के नारे लगाये। यहां तक कि, संगठन ने मैच होने की स्थिति में टीवी पर मैच न देखने की अपील भी की।
राजनीतिक-सामाजिक संगठनों के अलावा भारत पाकिस्तान मैच का विरोध करने वालों में पूर्व सैनिक भी शामिल हैं। बिलासपुर में पूर्व सैनिकों ने बैठक कर भारत-पाकिस्तान के बीच मैच का विरोध किया। पूर्व सैनिकों ने कहा कि जब पाकिस्तान भारतीय सैनिकों पर गोलीबारी कर रहा हो, सीमा पार से आतंकी भेज कर दुश्मनी कर रहा हो, तो उसके साथ खेल की दोस्ती का कोई औचित्य नहीं है।
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जीत-मांगे हर मैदान में
इसके बावजूद, देश भर में खेल प्रेमियों का एक बड़ा तबका इसलिए मैच को होते हुए देखना चाहता है, कि वह मैदान पर पाकिस्तान को पिटते हुए देखना चाहता है। एजबेस्टन के मैदान पर विराट सेना के योद्धाओं की गिनती भले ही महज 11 हो, लेकिन उनके साथ सवा सौ करोड़ लोगों का जोश शामिल है। जो भारतीय क्रिकेट सेना के हर हमले और हर मूव को खुली आंखों से देखना चाहते हैं, और जीतना चाहते हैं, बस!