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कुंडा हत्याकांड में राजा भैया समेत 15 आरोपियों को राहत, CBI कोर्ट में ट्रायल पर रोक

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Published on: 30 Sept 2016 1:24 AM IST
कुंडा हत्याकांड में राजा भैया समेत 15 आरोपियों को राहत, CBI कोर्ट में ट्रायल पर रोक
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लखनऊः करीब साढ़े तीन साल पहले प्रतापगढ़ के कुंडा में सुरेश यादव हत्याकांड मामले में यूपी के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और 14 अन्य आरोपियों को सेशन कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सेशन कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत में सभी के खिलाफ ट्रायल पर रोक लगा दी है।

सीबीआई कोर्ट ने राजा भैया, अक्षय प्रताप सिंह, हथिगवां थाने के एसओ रहे मनोज शुक्ला, कुंडा के प्रभारी निरीक्षक सर्वेश मिश्रा और सीओ जिया-उल-हक के गनर इमरान सिद्दीकी को हत्या की साजिश, हत्या, सबूत मिटाने समेत कई धाराओं में आरोपी बनाते हुए ट्रायल के लिए तलब किया गया था।

सीबीआई कोर्ट ने क्या आदेश दिया था?

सीबीआई कोर्ट ने राजीव प्रताप सिंह, गुड्डू सिंह उर्फ संजय प्रताप सिंह, संजीव कुमार सिंह, जीवेंद्र पाल, नन्हे सिंह, कामता पाल, अजय पाल, विजय पाल, मुन्ना पाल और बुल्ले पाल को भी तलब किया था। इसके अलावा सुरेश यादव हत्याकांड में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट भी खारिज कर दी थी।

इस आदेश को राजा भैया समेत सभी आरोपियों ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी। कुल नौ रिवीजन सेशन कोर्ट में दाखिल हुए थे। विशेष जज संजय कुमार ने रिवीजन मंजूर करते हुए सीबीआई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही सीबीआई कोर्ट को क्लोजर रिपोर्ट पर आदेश देने को कहा है।

सीबीआई के वकील ने क्या कहा था?

सीबीआई कोर्ट में सुरेश यादव की हत्या के मामले में जांच एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। इसे मुकदमे के वादी पवन कुमार यादव ने 13 अक्टूबर 2013 को चुनौती दी थी। इस पर सीबीआई के वकील केपी सिंह ने कोर्ट में कहा था कि मृतक सुरेश यादव घटना के दिन सीओ जिया-उल-हक को बंदूक की बट से पीट रहा था। इसी दौरान बंदूक से गोली चली और उसे ही जा लगी। पोस्टमॉर्टम, बैलेस्टिक रिपोर्ट और अन्य वैज्ञानिक तथ्यों से ये पुष्ट होता है।

क्या है मामला?

2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ के कुंडा में तीन हत्याएं हुई थीं। बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव, सुरेश यादव और कुंडा के सीओ जिया-उल-हक मारे गए थे। सीओ की मौत के मामले में उनकी पत्नी परवीन आजाद के अलावा दो अन्य ने एफआईआर कराई थी। परवीन ने एफआईआर में राजा भैया को आरोपी बनाया था। जांच के बाद सीबीआई ने नन्हे यादव और सीओ मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। परवीन की एफआईआर पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल हुई थी।

क्लोजर रिपोर्ट पर क्या हुआ?

परवीन आजाद ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी। विशेष अदालत ने इस क्लोजर रिपोर्ट को रद्द कर दिया। साथ ही फिर से जांच के लिए कहा। सीबीआई ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। जहां मामला अभी चल रहा है। सीबीआई ने इसके साथ ही सुरेश यादव की हत्या मामले में भी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। जिसे 17 सितंबर 2015 को सीबीआई कोर्ट ने रद्द कर राजा भैया समेत सभी 15 लोगों को ट्रायल के लिए तलब किया था।



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