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रक्षाबंधन:भाई बहन के इस पवित्र महापर्व पर4 साल बाद बना अद्भुत संयोग

suman
Published on: 25 Aug 2018 3:41 AM GMT
रक्षाबंधन:भाई बहन के इस पवित्र महापर्व पर4 साल बाद बना अद्भुत संयोग
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लखनऊ: रक्षाबंधन के पवित्र त्यौहार को मानाने के मूड में देश आ गया है। बाजार में सजी राखी की दुकानों पर लम्बी कतारें लगी हुई हैं। भाइयों को राखी बांधने के लिए बहनें थाल सजाकर तैयार हैं।

कार्टून कैरेक्टर वाली राखियों के साथ ही पारंपरिक राखी ,वर्क वाली राखी देखते ही बन रही है। इसके साथ ही स्टोन वाली राखियों की भी मांग बनी हुई है। इस बार रक्षाबंधन पर्व पर खास बात यह है कि कई सालों बाद भद्रा का साया नहीं रहेगा। सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा समाप्त हो जाने से बहनें दिन भर भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। सूर्योदय व्यापिनी तिथि मानने के कारण रात में भी राखी बांधी जा सकेगी।

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राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 4 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इस बार रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त पंचांग के मुताबिक पूर्णिमा 25 अगस्त दोपहर 3:15 से 26 अगस्त को शाम 5:30 बजे तक रहेगी। खास बात यह है कि इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र भी है। यह नक्षत्र दोपहर 12:35 बजे तक रहेगा। वहीं 26 अगस्त को पूर्णिमा शाम 5:30 बजे है। इससे रक्षाबंधन पूरे दिन मनाया जाएगा। इस बार श्रावण पूर्णिमा पहले से मुक्त रहने के चलते रक्षाबंधन सौभाग्यशाली रहेगा।

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राखी बांधने का शुभ मुहूर्त के लिए रक्षाबंधन का एक आवश्यक नियम है कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है। इस साल एक अच्छी बात यह है कि भद्रा सूर्योदय के पूर्व ही समाप्त हो जाएगा। इस प्रकार भाई बहन के इस पवित्र महापर्व को प्रेम और श्रद्धा पूर्वक मनाने से भाई का संबंध बना रहता है।

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