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UP पुलिस पर लगातार हमले: लखनऊ और आगरा में सब-इंस्पेक्टर को मारी गोली
लखनऊ: यूपी में बदमाशों के बुलंद हौसलों ने पुलिस पर ही हमले तेज कर दिए हैं। बदमाशों ने सोमवार सुबह लखनऊ के सरोजनीनगर के हिंदनगर इलाके में चोरी करने से रोकने पर सब-इंस्पेक्टर आरपी द्विवेदी को गोली मार दी। दूसरी घटना में रविवार रात आगरा के सैंया इलाके के नगला गांव में ट्रक लुटेरों के साथ मुठभेड में एक सब-इंस्पेक्टर घायल हो गया।
सीओ सरोजनीनगर सुधीर कुमार ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर द्विवेदी गश्त से लौट रहे थे। उन्होंने बदमाशों को एक दुकान का शटर काटते देखा। बदमाशों को ललकारा और एक को दबोच लिया, लेकिन बदमाशों ने उनकी पीठ पर गोली मार दी और फरार हो गए। घायल सब-इंस्पेक्टर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
बेखौफ बदमाशों ने सब-इंस्पेक्टर को मारी गोली, ट्रामा सेंटर में भर्ती
आगरा में सैंया इलाके के नगला गांव में रविवार की रात पुलिस को ट्रक लूटने की सूचना मिली। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस की बदमाशों के साथ मुठभेड़ हुई। इसमें एक सब-इंस्पेक्टर और दो बदमाशों को गोली लगी है। घायल सब-इंस्पेक्टर अमित को आगरा के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जबकि बदमाशों का इलाज आगरा के ही एसएन हॉस्पिटल में चल रहा है। पुलिस कप्तान प्रितिंदर सिंह ने बताया कि बदमाशो की संख्या लगभग 4 से 6 थी। इनमें 2 को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया गया है।
बदमाशों से मुठभेड़ में सब-इंस्पेक्टर को लगी गोली, दो बदमाश हुए घायल
आगरा में पहले भी हुए पुलिस पर हमले
-कुछ महीने पहले थाना एत्माद्दौला के कालिंदी विहार इलाके में बदमाशों को रोकने का विरोध करना चीता सिपाही को भारी पड़ा था।
-बदमाशों ने चीता सिपाही को गोली मारकर घायल कर दिया और भाग निकले थे।
-वहीं थाना बाह में एक आरोपी को पकड़ने गई पुलिस के ऊपर आरोपी पक्ष ने हमला बोल दिया था।
-इस घटना में एक सब-इंस्पेक्टर बुरी तरह घायल हुआ था।
विधानसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार
-सपा सरकार के 4 साल के कार्यकाल में पुलिस पर अब तक 1044 हमले हुए।
-जबकि मायावती के 5 साल के कार्यकाल में पुलिस को 547 बार पिटना पड़ा था।
बसपा सरकार में पुलिस पर हुए हमले के आंकड़े
-साल 2007-08 में पुलिस पर 75 हमले हुए।
-वर्ष 2008-09 में यह आंकड़ा 101 हो गया।
-2009-10 में पुलिस पर 103 हमले हुए।
-2010-11 में पुलिस पर 124 हमले हुए।
-2011-12 में पुलिस पर 144 हमले हुए।
सपा सरकार में इन आंकड़ों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई
-2012-13 में पुलिस पर 202 हमले हुए।
-2013-14 में पुलिस पर 264 हमले हुए।
-2014-15 में पुलिस पर 300 हमले हुए।
-2015-16 में पुलिस पर 278 हमले हुए।
संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने बताया की सपा सरकार के कार्यकाल में हुई पुलिस कार्रवाई में 2012-13 में एक मौत हुई। जबकि उसके अगले साल 9 मौतें हुई। साल 2014-15 में पांच मौतें हुई हैं। साल 2015-16 में पांच हुई हैं। हालांकि सरकार का कहना था कि पिछली सरकार में केस दर्ज ही नहीं होते थे। अब मुकदमे दर्ज हो रहे हैं तो ये आंकड़े नजर आ रहे हैं ।