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हाई अलर्टः हरियाणा में जाटों का आंदोलन जारी, INTERNET-SMS बंद
चंडीगढ़ः हरियाणा के 15 जिलों के गांवों में जाट आंदोलनकारियों का धरना-प्रदर्शन जारी है जोकि अभी तक शांतिपूर्ण है। हर गांव में हो रहे प्रदर्शन में आंदोलनकर्ता जमा तो हुए हैं, लेकिन अभी उनकी संख्या ज्यादा नहीं है। हालांकि प्रशासन ने हर स्थिति से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सरकार ने भी गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए राज्य के कई जिलों में अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां तैनात कर दी हैं।
मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS पर पाबंदी
-राज्य के आठ जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
-रोहतक और सोनीपत में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS पर पाबंदी लगा दी गई है।
-जिन जिलों में धारा 144 लगाई गई है वे हैं- झज्जर, सोनीपत, रोहतक, पानीपत, हिसार, जींद, फ़तेहाबाद और कैथल।
-राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल लाइन के दोनों तरफ एक किलोमीटर तक धारा 144 लगाई गई है।
-इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के किसी जगह जमा होने पर रोक है।
-राहत की बात यह है कि सरकार से बातचीत के बाद यशपाल मलिक की अगुवाई वाली जाट आरक्षण संघर्ष समिति शहर की बजाय गांवों में ही धरना देने को राजी हो गई है ।
-उनकी ओर से रेल और सड़क मार्ग पर धरना नहीं देने का आश्वासन दिया गया है।
-15 जिलों के गांवों में 15 दिनों तक धरना चलेगा।
-इस दौरान सरकार अगर जाट आंदोलनकारियों पर दर्ज मामलों पर रुख साफ नहीं करती है तो आगे बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
-इस बीच सीएम मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
क्यों है इतनी सुरक्षा?
-फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा हुई थी।
-हरियाणा के मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर तक फूंक दिया गया था।
-उस वक्त हालात देखते हुए सेना बुलानी पड़ गई थी।
-सीएम मनोहरलाल खट्टर की इसके लिए काफी लानत-मलामत हुई थी।
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इस बार कैसी है सुरक्षा व्यवस्था?
-राज्य के अलग-अलग जिलों में अर्द्धसैनिक बलों के 4800 जवान तैनात किए गए हैं।
-पुलिस के जवानों की भी बड़ी संख्या में तैनाती की गई है।
-केंद्र सरकार से और 15 कंपनी सुरक्षाबल राज्य ने मांगा है।
बांधों-रेल पटरियों पर निगरानी बढ़ी
-फरवरी में आंदोलनकारियों ने मुनक नहर काट दी थी।
-इससे दिल्ली में भीषण पेयजल संकट पैदा हो गया था।
-इस बार मुनक और पश्चिमी यमुना बांध पर सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।
-रेल की पटरियां उखाड़ने से रोकने के लिए भी जवान तैनात हैं।
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जाटों के दो गुट बने
हरियाणा के जाट संगठन एवं खाप नेताओं ने कहा है कि वे आंदोलन में शरीक नहीं होंगे। उनकी कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला से बातचीत हो चुकी है। वे हाईकोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे। कई जाट नेताओं ने तो यह तक कहा है कि यशपाल मलिक का हरियाणा से कोई लेना-देना नहीं है, वे यूपी से हैं।