बाटला हाउस एनकाउंटर पर अब शीला ने ही उठाए सवाल, विपक्ष को दिया मुद्दा

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Published on: 4 Sep 2016 1:07 PM GMT
बाटला हाउस एनकाउंटर पर अब शीला ने ही उठाए सवाल, विपक्ष को दिया मुद्दा
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आजमगढ़ : 27 साल यूपी बेहाल यात्रा लेकर आजमगढ़ पहुंचीं दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने अपने कार्यकाल में हुए चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर पर सवाल उठा दिए। शहर के सर्किट हाउस में उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ''कोई भी एनकाउंटर सही नहीं होता है। इससे खलबली मचती है और लोग प्रभावित भी होते हैं।'' बाद में उन्होंने अपनी बात को संभाला और पत्रकारों से आग्रह के लहजे में कहा, ''मामला आठ साल पुराना हो गया है, इसलिए इसे बेवजह तूल ना दिया जाए।''

बतादें, बाटला हाउस एनकाउंटर के समय शीला दीक्षित दिल्ली की सीएम थीं। केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकार थी।

और क्या कहा-

शीला दीक्षित ने उस समय की अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। कहा कि वर्ष 2008 में दिल्ली में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर के दौरान उनकी सरकार थी। उन्होंने स्थितियों को तुरंत संभाला। यही वजह रही कि रिजल्ट अच्छे आए। दिल्ली के लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई। इन सबके विपरीत दिल्ली की स्थिति अन्य प्रदेशों की तरह नहीं है। पुलिस और लॉ एंड आर्डर वहां केंद्र सरकार के अधीन है। वैसे बाटला एनकाउंटर के बाद दिल्ली के लोगों ने इस तरह के सवाल नहीं उठाए थे।

न्यायिक जांच के सवाल पर चुप्पी

मरने वाले आजमगढ़ के थे तो दिल्ली वाले क्यों यह मुद्दा उठाते? पत्रकारों के इस सवाल पर वह बगलें झांकती दिखीं। बाटला एनकाउंटर के न्यायिक जांच की बात पर भी वह कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे सकी। इस जिले को आतंकगढ़ कहे जाने के पत्रकारों के सवाल पर मोर्चा पार्टी नेता डॉ. संजय सिंह ने संभाल लिया। उन्होंने कहा- केवल इसी जिले में नहीं पूरे प्रदेश में आतंक की स्थिति है। ऐसे में इसकी चिंता छोड़कर मूलभूत समस्याओं बिजली, पानी, रोड आदि की बातें होनी चाहिए।

विपक्ष को मिला मुद्दा

माना जा रहा है कि शीला दीक्षित ने बीजेपी और दूसरी विपक्षी पार्टियों को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है। शीला दीक्षित को जिस खास वर्ग के वोट बैंक को ध्यान में रखकर सीएम कैंडिडेट बनाया था कहीं वही इस बायन से नाराज तो नहीं हो जाएगा?

क्या है बाटला हाउस एनकाउंटर?

-सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में पुलिस की इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकवादियों से मुठभेड़ हुई थी। इसे बाटला हाउस एनकाउंटर के नाम से जाना जाता है।

-एनकाउंटर में दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए। दो भागने में कामयाब हो गए। एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसमें दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे।

खुर्शीद ने कहा था- रो पड़ीं थीं सोनिया

2012 विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन केद्रीय कानून मंत्री ने यह कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीरें देखकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी रो पड़ी थीं। खुर्शीद ने कहा, "जब हमने बाटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरें सोनिया गांधी को दिखाईं थी, तो वे फूट-फूट कर रो पड़ीं।

दिग्विजय सिंह ने बताया था फर्जी

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी बाटला हाउस एनकाउंटर को कई बार फर्जी बता चुके हैं। इसको लेकर काफी हंगामा मच चुका है।

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