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अयोध्या मसले पर श्री श्री रविशंकर की पहल, जानिए किसने क्या कहा ?
राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के महासचिव और समझौता वार्ता प्रभारी डॉ. पंडित अमरनाथ मिश्र ने कहा कि 5 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के संबंध में सुनवाई होगी।
लखनऊ : आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास अयोध्या के महासचिव और समझौता वार्ता प्रभारी डॉ. पंडित अमरनाथ मिश्र, हिंदू महासभा अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज, बीजेपी नेता विनय कटियार, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, निर्मोही अखाड़ा के राजा रामाचंद्राचार्य, शिवसेना और आरएसएस के लोगों से भी मुलाकात की।
सौहार्द के साथ रास्ता निकालने की कोशिश : श्री श्री रविशंकर
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से औपचारिक मुलाकात के लिए यहां आया। उनसे मेरी मुलाकात अच्छी रही। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर कहा कि अभी किसी पक्षकार को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।अभी सौहार्द के साथ रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। मसले को हल करने का प्रयास हो रहा है। शिव सेना, हिंदू महासभा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ बैठक हुई। बैठक में वार्ता अच्छी रही। वार्ता का ये पहला स्टेज था। इसके बाद अयोध्या में हिंदू-मुस्लिम पक्षकार के साथ बैठक होगी। वहीं इस मसले पर आगे की बातचीत होगी।
रामलला को अपनी जगह से नहीं हटने देंगे : डॉ. पंडित अमरनाथ मिश्र
डॉ. पंडित अमरनाथ मिश्र ने कहा कि रामलला को अपनी जगह से नहीं हटने देंगे। 5 दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के संबंध में सुनवाई होगी। अगर कोर्ट में कोई भी पक्ष हारेगा तो देश हारेगा। इसलिए एक पहल हुई है, ताकि देश न हारे। अमरनाथ मिश्र ने कहा कि सारे लोग एक जगह आएं और बातचीत से इसका हल निकालें।
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मामला सुन्नी मुसलमानों और हिंदुओं के बीच का
पंडित अमरनाथ मिश्र ने कहा कि वसीम रिजवी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन हैं। लेकिन, ये मामला सुन्नी मुसलमानों और हिंदुओं के बीच का है। वसीम रिजवी खुद श्री श्री रविशंकर से मिले थे। इस मामले में उनकी दखलंदाजी पॉलिटिकल माइलेज लेने का जरिया मात्र है।
ऐसा न हो कि पूरे देश में शिया-सुन्नी का झगड़ा हो जाए
अमरनाथ मिश्र ने कहा कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड यूपी सरकार की एजेंसी है। हम मुस्लिम और हिन्दू गुरुओं से बातचीत कर रहे। ये पूरी दुनिया के हिन्दू मुस्लिमों का मामला है। श्रद्धा और विश्वास का मामला है तो किसी की श्रद्धा और आस्था को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी। शिया वक्फ बोर्ड का दावा बिल्कुल गलत है। शियाओं का कोई मतलब नहीं है और अगर वो कोई दावा करेंगे तो कहीं ऐसा न हो कि पूरे देश में शिया-सुन्नी का झगड़ा हो जाए।
मस्जिद नहीं बन सकती
अमरनाथ मिश्र ने कहा कि रामजन्म भूमि पर राम मंदिर बनाने के लिए सब सामूहिक रूप से प्रयास करेंगे, क्योंकि अयोध्या में हमने बताया कि 26 मस्जिदें पहले से हैं। बाबरी मस्जिद टूटी थी। हमें मुस्लिम धर्म का सम्मान करते हुए उन्हें एक मस्जिद देनी है। विवादित जमीन पर मस्जिद इसलिए नहीं बन सकती क्योंकि कुरआन हदीस में लिखा है कि जिस जमीन पर किसी दूसरे धर्म की पूजा हो रही हो, वहां मस्जिद नहीं बन सकती और न ही नमाज़ पढ़ी जा सकती है।सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला होगा उसका स्वागत किया जाएगा। लेकिन, रामलला को वहां से नहीं हटने देंगे जहां पर वह विराजमान हैं। श्री श्री रविशंकर की ये पहल है कि शांति और सौहार्द के साथ बिना दंगा किए इस मुद्दे का हल निकाला जाए।
... जब तक वहां मंदिर का भूमिपूजन नहीं हो जाता
अमरनाथ मिश्र ने कहा कि इलाहाबाद हाइकोर्ट का फैसला किसी ने नहीं माना। मस्जिद के पक्षकार का दावा 2 एकड़ का था। हाइकोर्ट ने 33% दिया। इसमें मस्जिद भी नहीं बन सकती। ये बातचीत हिंदू मुस्लिम धर्मगुरुओं के बीच तब तक जारी रहेगी जब तक वहां मंदिर का भूमिपूजन नहीं हो जाता।
सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय की उम्मीद : विनय कटियार
बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि हाइकोर्ट से हमने जमीन के बंटवारे के लिए नहीं कहा था जमीन का बंटवारा हो गया। यही एक खराब बात हुई। सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय की उम्मीद है। श्री श्री रविशंकर की पहल कोई ख़ास परिणाम नहीं लाती दिख रही। हालांकि, वो सभी धर्मगुरुओं से बात कर रहे हैं।
शिया समुदाय के लोग तैयार हैं लेकिन सुन्नी समुदाय के लोगों से जो बातचीत होनी चाहिए वो अभी नहीं हो पाई है। आगे देखते हैं क्या होता है। श्री श्री रविशंकर बातचीत करने आए हैं। अभी वो शिया समुदाय से बात करेंगे तो बातचीत आगे बढ़ेगी।
मंदिर वहीं बनेगा : चक्रपाणि महाराज
हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कहा कि मंदिर की जगह भव्य मंदिर का निर्माण हो। बातचीत चल रही है। मुख्य विपक्षी पक्षकार भी ये बात मानेंगे। सम्मान के साथ एक मिसाल पेश हो। इसकी पहल हुई है। फॉर्मूले की बात करें तो इतना जानता हूं कि मंदिर वहीं बनेगा और पूरे देश में बाबर के नाम पर मस्जिद नहीं बनने देंगे।
अयोध्या मसले पर पहल अच्छी : महंत सुरेश दास ने
वहीं दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा कि श्री श्री रविशंकर की अयोध्या मसले पर पहल अच्छी है। हम लोग इससे संतुष्ट हैं।
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने देनी चाहिए
बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा कहा कि राम मंदिर का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और मुझे लगता है कि हमें कानूनी प्रक्रिया पूरी होने देनी चाहिए। इसके बाद अन्य चर्चाएं हो सकती हैं।
इस तरह कोई कामयाबी नहीं मिलने वाली
आल इंडिया कुरा कौंसिल के अध्यक्ष खालिद मोहम्मद युसूफ अजीज ने कहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही स्वागत योग्य होगा। इस तरह कोई कामयाबी नहीं मिलने वाली है।
अयोध्या मसले पर अभी कोई प्रस्ताव नहीं : श्री श्री रविशंकर के सेक्रेट्री
आर्ट ऑफ लिविंग के प्रवक्ता और श्री श्री रविशंकर के सेक्रेट्री गौतम विज ने कहा कि अयोध्या मसले पर अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। अभी श्री श्री रविशंकर सिर्फ लोगों इसे मुलाक़ात कर उनकी बात सुन रहे हैं। कोशिश है कि सुनवाई से पहले एक सौहार्द की भावना के साथ समाधान निकले।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या से निकाय चुनाव प्रचार की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि राम के बगैर भारत में कोई काम नहीं हो सकता है। राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं। भारत की पूरी आस्था के केंद्र बिंदु हैं। योगी ने कहा कि हम अयोध्या को उसका गौरव वापस दिला कर रहेंगे।
इससे पहले मंगलवार को वृंदावन में श्री श्री रविशंकर ने कहा था कि इस मुद्दे पर उनकी मध्यस्थता सकारात्मक परिणाम तक पहुंचेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी पक्षकार आपसी सहमति से मंदिर मामले में निर्णायक फैसला निकालने का प्रयास करेंगे।
सीएम योगी ने भी रविशंकर की मुलाकात को लेकर कल ही कहा था कि अगर कोई सुलह के लिए आगे आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।