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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तैयारियां फिर तेज, पत्थरों की खेप पहुंचने से बढ़ी राजनीतिक हलचल
लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) राम मंदिर निर्माण की तैयारियों में जुट गया है। मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में राजस्थान के वंशी पहाड़ से पत्थरों को मंगाया जा रहा है। सोमवार को रामसेवकपुरम की कार्यशाला में पहुंचे दो ट्रक पत्थरों की खेप ने राम मंदिर निर्माण मामले में हलचल ला दी है।
गौरतलब है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार बन गई है। इन पत्थरों के मंगाए जाने को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। दो ट्रकों में कुल 130 टन पत्थर अयोध्या लाया गया है। रामसेवकपुरम अयोध्या की कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशी का काम करीब डेढ़ दशक से जारी है।
वैधानिक तरीके से आया पत्थर
इस संबंध में मंडलायुक्त ने कहा, कि 'रामसेवकपुरम् में दो ट्रकों में पत्थर वैधानिक तरीके से वाणिज्य कर विभाग से प्रक्रिया पूरी करके लाया गया है। इस पर कोई रोक नहीं लगाई गई थी।' जब डीएम ने वाणिज्य कर अफसरों से इस बाबत बुलाकर बात की तो, पत्थर लाने की प्रक्रिया को नियमानुसार बताया गया है।
तुष्टिकरण के लिए लगाई थी रोक
वहीं, विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया 'पत्थरों का आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जब मंदिर बनेगा तो पत्थर आएंगे ही। सपा सरकार ने एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण के लिए पत्थरों की आपूर्ति पर रोक लगा दी थी।'
पत्थर लाकर राजनीति चमकाना इनका धंधा है
जबकि, बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने कहा 'पत्थर लाकर राजनीति चमकाना इनका धंधा है। हमारे इलाके में पत्थर लेकर आएं तो बताऊंगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी तो आवाज उठाऊंगा। पत्थर आने को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।'
सपा सरकार ने लगाई थी रोक
बता दें, कि सितंबर 1990 से ही अयोध्या में पत्थर मंगाया जा रहा है। लेकिन पिछली समाजवादी सरकार ने विधिक कार्यवाही पूरी करने के बाद भी फॉर्म- 32 पर रोक लगा दी थी, जिससे पत्थरों का आपूर्ति रुक गई थी। मगर अब विभाग से फार्म मिलने के बाद पत्थरों की आपूर्ति पुन: शुरू की गई है।