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VIDEO: कुत्ते-कुतिया की धूमधाम से हुई शादी, 5 हजार लोग बने बराती

डीजे की धुन पर डांस करते बराती कुतिया के घर के सामने पहुंचे जहां जयमाल की रस्म निभाई गई। जयमाल के बाद घर के अंदर बने मंडप के नीचे कुत्ता शगुन और कुतिया शगुनी की रीति रिवाज के साथ शादी संपन्न कराइ गई। शादी के बाद सजी-सावरी दुल्हन बनी कुतिया शगुनी की विदाई हुई तो उसके मालिकों के आंखों से आंसू छलक पड़े।

Admin
Published on: 11 March 2016 6:07 PM GMT
VIDEO: कुत्ते-कुतिया की धूमधाम से हुई शादी, 5 हजार लोग बने बराती
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कौशांबी: जिले का पवारां गांव में एक ऐसी अनोखी शादी हुई, जिसे लोग कभी भूल नहीं पाएंगे। यह शादी किसी इंसान की नहीं बल्कि एक कुत्ता और कुतिया की थी। हिंदू रीति-रिवाज से हुई शादी में दर्जन भर गांव के पांच हजार से अधिक बराती शामिल हुए। गांव में बारतियों का पूरे जोश के साथ स्वागत किया गया।

डीजे की धुन पर डांस करते बराती कुतिया के घर के सामने पहुंचे जहां जयमाल की रस्म निभाई गई। जयमाल के बाद घर के अंदर बने मंडप के नीचे कुत्ता शगुन और कुतिया शगुनी की रीति रिवाज के साथ शादी संपन्न कराइ गई। शादी के बाद सजी-सावरी दुल्हन बनी कुतिया शगुनी की विदाई हुई तो उसके मालिकों के आंखों से आंसू छलक पड़े।

पांच हजार लोग हुए बरात में शामिल पांच हजार लोग हुए बरात में शामिल

एक दिन पहले हुआ था तिलक

-कौशांबी में रहने वाले बसंत त्रिपाठी ने अपने घर के पालतू कुत्ते शगुन के लिए पड़ोस के गांव में रहने वाले जंगबहादुर के यहां पली कुतिया शागुनी का रिश्ता मांगा था।

-जब दोनों पक्ष ने इस रिश्ते को मंजूरी दे दी, तो गुरुवार को दोनों का धूमधाम से तिलक करवाया गया।

इस तरह हुई शादी

-शुक्रवार को शगुन को अच्छी तरह नहलाया गया। संवारने के बाद कपड़ा पहनाया गया।

-फूलों से सजे कार में बैठकर दुल्हन शगुनी के घर की ओर निकला।

-सैकड़ों बरातियों ने डीजे की धुन पर डांस किया।

-शगुनिया के घर के बाहर जयमाल स्टेज बना हुआ था। जयमाल स्टेज पर रखी कुर्सी पर दुल्हे राजा बठे तो दुल्हन बनी शगुनी जयमाल लिए सामने जा पहुंची।

-स्टेज पर दोनों ने एक दूसरे के गले में जयमाला डाला तो वहां मौजूद हजारों लोगों ने फुलों की वर्षा कर उनके नए जीवन में प्रवेश करने पर खुशी जताई।

-कुतिया के मालिक जंग बहादुर ने कहा कि उन्होंने उसे बेटी की तरह पाला और आज विदा किया है।

-शगुन और शगुनिया कुतिया शगुनिया की शादी में शामिल हुए रिश्तेदारों और बारातियों के लिए लजीज पकवान की व्यवस्था की गई थी।

-जंगबहादुर के घर के एक हिस्से में हलवाई पुरियां बनाने में लगा हुआ था तो घर के अंदर सजे मंडप के नीचे शगुन-शगुनी का विवाह हो रहा था।

-विवाह के बाद गहनों और श्रंगार से सजी शगुनिया की विदाई के समय लोग रोने लगे।

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