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आय से अधिक संपत्ति: मायावती के खिलाफ फ्रेश FIR की याचिका SC में मंजूर
नई दिल्ली: यूपी की पूर्व सीएम मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में नई एफआईआर दर्ज करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट मायावती के खिलाफ नई FIR दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है।
सीबीआई ने किया बचाव
-इस मामले में सीबीआई ने मायावती का बचाव किया। सीबीआई की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि मायावती के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बन सकता क्योंकि कोई मेटेरियल नहीं है।
-एजी ने कहा कि इस मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती। ये मामला ताज कारीडार से अलग है।
-यह याचिका कमलेश वर्मा ने दाखिल की है। सीबीआई की तरफ से एजी ने कहा कि पहले ही इस मामले में इंकम टैक्स ट्रिब्यूनल और दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला आ चुका है।
पहले भी हुआ था केस
-मायावती ने एसेसमेंट ईयर 2007 -08 में 26 करोड़ आयकर जमा किया था। वो देश के 20 ज्यादा आयकर जमा करने वालों में शामिल थीं।
-सीबीआई ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।
-मायावती ने इसे गलत बताया और कहा था कि ये रकम या सामान उन्हें उपहार और कार्यकर्ताओं की छोटी बचत से मिले हैं ।
हाईकोर्ट ने दी थी क्लीनचिट
-दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 अगस्त 2011 को केंद्र सरकार की अपील खारिज करते हुए कहा था कि मायावती ने कानून के हिसाब से ही अपनी संपत्ति दिखाई है।
-केंद्र सरकार ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करना मुनासिब नहीं समझा।
-मायावती ने 13 मार्च 2012 को अपनी संपत्ति एक हलफनामे के जरिए 111 करोड़ 26 लाख दिखाई।
-हलफनामा उन्होंने राज्यसभा चुनाव लड़ने के वक्त दिखाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने किया था नामंजूर
-आय से अधिक संपत्ति का मामला नौ साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने 6 जुलाई 2012 को खारिज कर दिया।
-सुप्रीम कोर्ट का मानना था कि ये मुकदमा जरूरी नहीं था। सीबीआई ने इसके खिलाफ अपील नहीं की।
-कमलेश वर्मा नामक व्यक्ति ने 4 अक्टूबर 2012 को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की और कहा कि उसे तकनीकी आधार पर खारिज किया गया था, लिहाजा इसे मंजूर किया जाए।
-याचिका में दावा किया गया था कि इसमें गवाहों को ठीक से सुना नहीं गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया।
-सीबीआई ने कानूनी राय लेने के बाद 8 अक्टूबर 2013 को केस को बंद कर दिया। मायावती पर ताज कारीडोर में भी घोटाले का मामला सीबीआई ने दर्ज किया था ।