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SC का फैसला, सरकारी अफसर या मंत्री अब नहीं हो सकेंगे BCCI में शामिल

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Published on: 18 July 2016 10:32 AM GMT
SC का फैसला, सरकारी अफसर या मंत्री अब नहीं हो सकेंगे BCCI में शामिल
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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने सोमवार को लोढा कमिटी की सिफारिशों को हरी झंडी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अंतिम फैसला सुनाया।

गौरतलब है कि जस्टिस लोढ़ा कमेटी की ओर से बीसीसीआई में सुधारों को लेकर जो सिफारिशें की गई हैं उनमें से कई बीसीसीआई को मंजूर नहीं थीं। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी गई थी। फैसले में कोर्ट ने कहा, बीसीसीआई में कोई भी मंत्री शामिल नहीं होगा।

इस फैसले के अहम बिंदु :

लोढ़ा समिति की उस सिफारिश को मंजूरी मिल गई है जिसमें ये कहा गया है कि अब बीसीसीआइ में कोई मंत्री या सरकारी अफसर नहीं होगा।

-70 साल से ऊपर का कोई भी सदस्य बीसीसीआइ में शामिल नहीं रहेगा।

-एक राज्य, एक वोट को भी कोर्ट ने मंजूरी दे दी है।

-हालांकि महाराष्ट्र को रोटेशनल प्रक्रिया के साथ 3 एसोसिएशन के जरिए काम करने की छूट होगी।

-बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल में कैग के सदस्य को शामिल करना होगा।

-बीसीसीआई की कार्यप्रणाली के लिए तय किए गए इन बदलावों को 6 महीने के अंदर पूरी तरह लागू करना होगा।

-लोढ़ा समिति की इस पर निगरानी रहेगी।

-सट्टेबाजी पर संसद को कानून बनाने के लिए कहा गया, साथ ही यह भी तय करने के लिए कहा गया कि बीसीसीआई कैसे आरटीआई के दायरे में आए।

-खिलाड़ियों का अपना संघ होगा।

-राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर दोहरी सदस्यता की इजाजत नहीं होगी।

-इसके अलावा 'एक राज्य एक वोट' के फॉर्मूले को भी अपनाना होगा।

-इसके तहत हर राज्य से सिर्फ एक ही इकाई को वोट करने का अधिकार रहेगा।

-महाराष्ट्र और गुजरात जैसे एक से ज्यादा इकाई वाले राज्यों में रोटेशन के हिसाब से हर इकाई को वोट करने का अधिकार रहेगा।

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कई सिफारिशों पर बीसीसीआई को थी आपत्ति

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति एफ.एम.आई. कलीफुल्ला की पीठ ने करीब दर्जन भर सुनवाई के बाद 30 जून को फैसला सुरक्षित कर लिया था। इस साल मार्च में शुरू हुई सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने कमिटी की कुछ सिफारिशों को लागू करने पर ऐतराज जताया था। इनमें 'एक राज्य एक वोट', पदाधिकारियों पर उम्र और कार्यकाल की बंदिश और बोर्ड में कैग का नामित एक प्रतिनिधि होना शामिल है।

लोढा कमिटी ने 4 जनवरी को बीसीसीआई प्रशासन में आमूल-चूल बदलावों की सिफारिश की थी। इसमें मंत्रियों को पद लेने से रोकना, पदाधिकारियों के उम्र और कार्यकाल की सीमा तय करना और सट्टेबाजी को वैधानिक बनाना शामिल था।

राजीव शुक्ला ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट का ये फैसला आने के बाद आईपीएल चेयरमेन राजीव शुक्ला ने कहा, मैं सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत करता हूं। लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों को जल्द-जल्द से लागू किया जाए। वहीं पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी ने भी इस फैसले पर ख़ुशी जाहिर की।

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पूर्व क्रिकेटर गए थे सुप्रीम कोर्ट

कुछ राज्य क्रिकेट संघ, कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी जैसे पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट प्रशासकों ने लोढा कमिटी की सिफारिशें लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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