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SC में फैसला आज: गेस्ट हाउस कांड पर लॉ एक्सपर्ट्स की राय, मुलायम को मिल सकती है राहत

कानूनी विशेषज्ञों और जानकरों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को 1995 में हुए चर्चित गेस्ट हाउस कांड से राहत मिल सकती है। सपा अध्यक्ष पर दलित एकट के तहत मुकदमा किया गया था। 21 साल तक चले मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला शुक्रवार को आएगा । सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में अपना फैसला पहले ही सुरक्षित कर लिया है।

Rishi
Published on: 16 Sept 2016 3:15 AM IST
SC में फैसला आज: गेस्ट हाउस कांड पर लॉ एक्सपर्ट्स की राय, मुलायम को मिल सकती है राहत
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लखनऊ: कानूनी विशेषज्ञों और जानकरों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को 1995 में हुए चर्चित गेस्ट हाउस कांड से राहत मिल सकती है। सपा अध्यक्ष पर दलित एकट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। 21 साल तक चले मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला शुक्रवार को आएगा । सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला पहले ही सुरक्षित रख लिया है।

कानूनी जानकारों का कहना है कि दलित कानून पहले की तुलना में अब उतना कठोर नहीं रहा है। कोर्ट में पूरी सुनवाई के दौरान ये सबूत नहीं मिले कि कांड के वक्त मुलायम सिंह यादव वहां मौजूद थे।

इस मामले में गवाहों ने भी मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी को नकारा। हालांकि फैसले की टाइमिंग दिलचस्प है। मुलायम सिंह यादव के परिवार में सत्ता संघर्ष हो रहा और कई ओर से तलवारें खिंची हैं।

आगे की स्लाइड में पढ़िए गेस्ट हाउस कांड में मायावती क्यों थी निशाने पर

गेस्ट हाउस कांड

2 जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड हुआ था, जब बसपा के विधायकों को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने पीट दिया था। बसपा प्रमुख मायावती के साथ भी गलत व्यवहार किया गया और उन पर हमला हुआ। मायावती को बीजेपी के विधायक ब्रहमदत्त दि्ववेदी ने बचाया था। इस कांड ने यूपी की राजनीति को बदल दिया। कहा जाता है कि राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता, लेकिन इस घटना के बाद सपा और बसपा में दुश्मनी स्थाई हो गई।

मायावती क्यों थी निशाने पर

साल 1993 में सपा-बीएसपी के बीच चुनावी समझौता हुआ था। चुनाव में इस गठबंधन की जीत हुई थी। इसके बाद मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम बने। फिर आपसी मनमुटाव की वजह से 2 जून, 1995 को बीएसपी ने सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। बीएसपी की ओर से इस घोषणा के वक्त मायावती, मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थीं। समर्थन वापस लेने के कारण मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई। नाराज सपा कार्यकर्ताओं और विधायकों ने स्टेट गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया था।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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