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ढाका आतंकी हमला: सोमवार को भारत आएगा तारिषी का शव
नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक रेस्टोरेंट पर हुए आतंकी हमले में यूपी के फिरोजाबाद में रहने वाली तारिषी की मौत हो गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा है कि सोमवार को तारिषी का शव भारत आएगा। घटना वाली रात शुक्रवार को तारिषी ने अपने परिवार को फोन किया था। उसने अपने रिश्तेदारों से बताया था कि वह आतंकियों के बीच घिर गई है। बाहर गोलियां चल रही हैं उसने खुद को एक टाॅयलेट में बंद कर लिया है। अगले दिन उसका फोन किसी ने रिसीव किया और उसके मौत की खबर दी। ढाका में मौजूदा भारतीय दूतावास ने बताया कि मृतका का नाम तारिषी जैन (19 साल) है। इस हमले में कुल 20 लोगों की मौत हुई। गौरतलब है कि इस हमले में मारे गए सभी विदेशी नागरिक हैं।
The mortal remains will reach Delhi by Jet Airways on Monday 4th July. This is with concurrence of Tarishi's father. /3 @15saloni2626
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 2, 2016
तारिषी की मौत की खबर आते ही उसके परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्य देर शाम ढाका के लिए रवाना हो गए। तारिषी के परिजनों ने केंद्र सरकार पर भरोसा जताते हुए अपील की, कि वे किसी तरह उसका शव स्वदेश लाने में मदद करें। ज्ञात हो कि तारिषी का परिवार मूल रूप से फिरोजाबाद के सुहागनगर का रहने वाला है।
शनिवार की शाम परिवार के सदस्य ढाका के लिए रवाना हो गए। उनका कहना है कि कुछ सदस्यों के पास पासपोर्ट नहीं है। ऐसे में मोदी सरकार इस दिशा में भी उनकी मदद को आगे आए।
तारिषी के परिवार से विदेश मंत्री ने की बात
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर तारिषी की मौत पर संवेदवा व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'मुझे ये बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि आतंकियों द्वारा बंधक बनाई गई भारतीय लड़की तारिषी की मौत हो गई।' सुषमा ने कहा, इस दुख की घड़ी में वो तारिषी के परिवार से साथ खड़ी हैं और उन्हें हरसंभव मदद की कोशिश की जा रही है। फिलहाल मंत्रालय तारिषी के परिवार के लिए वीजा का व्यवस्था कराने में जुटा है।
I am extremely pained to share that the terrorists have killed Tarushi, an Indian girl who was taken hostage in the terror attack in Dhaka.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) 2 जुलाई 2016
परिवार ढाका में कपड़ा कारोबार करता है
तारिषी के पिता संजीव जैन मूलतः फिरोजाबाद के सुहागनगर के रहने वाले हैं। करीब 10 साल पहले वे कपड़े के कारोबार के सिलसिले में ढाका गए थे। बिज़नेस सफल होने पर परिवार वहीं शिफ्ट हो गया। घटना की सूचना मिलते ही तारिषी के घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया।
ऐसे परिवार गया विदेश
संजीव जैन अपने तीन भाइयों के साथ फिरोजाबाद में कारोबार करते थे। इसके बाद उन्होंने विदेश जाकर कारोबार करने की ठानी। कपड़ा कारोबार के लिए उन्हें ढाका में अच्छी संभावना दिखी। उन्होंने वहीं बसने की ठानी और चले गए। वहां उनका कपड़े का कारोबार चल निकला। जब कारोबार उठान पर आया तो 10 साल पहले ये लोग परिवार के साथ ढाका शिफ्ट हो गए।