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तसलीमा ने कहा- इंसानियत के नाते इस्लाम को अमन का मजहब कहना बंद करो
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका के राजनायिक वाले इलाके में हुए आतंकी हमले के बाद बांग्लादेशी मूल की राइटर तसलीमा नसरीन ने ट्विटर पर इसकी सख्त आलोचना की है। तसलीमा नसरीन ने इस्लाम धर्म पर निशाना साधते हुए टि्वटर पर लिखा है।
बता दें, कि तसलीमा नसरीन साल 1994 से बांग्लादेश से बाहर भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं। उन्हें अलकायदा से जुड़े आतंकियों ने जान से मारने की धमकी दी थी। अभी तस्लीमा भारत में रह रही हैं। उनके खिलाफ बांग्लादेशी कट्टर संगठनों ने फतवे जारी किए हैं।
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तसलीमा नसरीन ने ट्वीटर पर लिखा
-इंसानियत के नाते यह कहना बंद कर दो कि इस्लाम अमन का मजहब है।
For humanity's sake please do not say Islam is a religion of peace. Not anymore.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 3, 2016
-ढाका हमले में अमीर और शिक्षित परिवार के युवाओं के शामिल होने पर तस्लीमा ने कहा कि इस पर बहस करना छोड़ दो कि गरीबी और कम पढ़ा लिखा होना लोगों को इस्लामिक टेररिस्ट बनाता है।
All Dhaka terrorists were from rich families, studied in elite schools. Pl do not say poverty & illiteracy make people Islamic terrorists
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 3, 2016
-बांग्लादेश ग्लोबल टेरर में कॉन्ट्रिब्यूट करता रहा है।
'Bangladesh has been a major contributor to global terror. Bangladeshi men have joined terror outfits in 36 countries.' -- Saleem Samad
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 3, 2016
-इस्लामिक टेररिस्ट बनने के लिए आपको गरीबी, लिटरेसी, अमेरिका पॉलिसी, इजरायल या साजिश की जरूरत नहीं है। आपको इस्लाम की जरूरत है।
You don't need poverty,illiteracy, frustration,America's foreign policy,Israel's conspiracy to become an Islamic terrorist. You need Islam.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 3, 2016