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11 जजों के निलंबन के बाद 200 से ज्यादा जज गए आकस्मिक अवकाश पर
नई दिल्ली : हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को नौ और जजों को निलंबित कर दिया। इन जजों के निलंबन के विरोध में तेलंगाना में काम कर रहे 200 जज 15 दिनों की छुट्टी पर चले गए हैं। इनकी मांग है कि निलंबित किए गए जजों की बहाली की जाए। बता दें, कि दो जजों को सोमवार को सस्पेंड किया गया था।
यह है मामला
निलंबित किए गए जज आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायिक अधिकारियों के आवंटन के खिलाफ तेलंगाना न्यायाधीश एसोसिएशन के बैनर तले आंदोलन कर रहे थे। एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे जज आंध्रप्रदेश के न्यायिक अधिकारियों का तेलंगाना में भेजे जाने का विरोध कर रहे हैं। जजों ने रविवार को भी प्रदर्शन निकाला था।
अखिल भारतीय न्यायिक कर्मचारी संघ के महासचिव बी लक्ष्मा रेड्डी ने रविवार को कहा था कि राज्य के बंटवारे के बाद उच्च न्यायालय का बंटवारा नहीं किया जाना समस्या की असली वजह है। हमने पहले ही एक जुलाई को विभिन्न मुद्दों पर हड़ताल के लिए नोटिस जारी किया है।
सस्पेंड हुए थे ये जज
रविवार को कोर्ट ने तेलंगाना न्यायाधीश एसोसिएशन के अध्यक्ष के रवींद्र रेड्डी और इसके सचिव वी वरा प्रसाद को निलंबित कर दिया। रेड्डी चतुर्थ अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश हैं जबकि प्रसाद रंगारेड्डी जिले के विशेष सत्र न्यायाधीश हैं।
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सीएम दिल्ली में दे सकते हैं धरना
-बता दें कि नवगठित राज्य तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव जल्द ही दिल्ली में धरना देने जा रहे हैं।
-जिससे हैदराबाद में तेलंगाना के लिए अलग से हाईकोर्ट की स्थापना की मांग पर जोर दिया जा सके।
-उनकी सरकार का कहना है कि तेलंगाना के लिए अलग हाईकोर्ट राज्य की स्वायत्तता के लिए जरूरी है।
दोनों पड़ोसी राज्य एक-दूसरे पर साधते हैं निशाने
-तेलंगाना का गठन साल 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग कर किया गया था।
-तभी से दोनों पड़ोसी राज्य एक-दूसरे पर निशाने साधते रहे हैं।
-अक्सर पानी के मुद्दे पर, और कभी-कभी हैदराबाद में जमीन-जायदाद को लेकर विवाद होता रहता है
-फिलहाल 2024 तक दोनों ही राज्यों की राजधानी है, और उसके बाद वह तेलंगाना की राजधानी हो जाएगी।