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श्रीनगर: SKIMS मेडिकल कॉलेज में सुरक्षाबलों संग आतंकियों की गोलीबारी, भागने में कामयाब
घाटी में आतंकियों के नापाक मंसूबे थमने का नाम नहीं ले रहे। इसी क्रम में शुक्रवारको आतंकियों ने SKIMS मेडिकल कॉलेज परिसर में सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए फायरिंग की। हालांकि, अभी तक किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है।
श्रीनगर: घाटी में आतंकियों के नापाक मंसूबे थमने का नाम नहीं ले रहे। इसी क्रम में शुक्रवार (05 नवंबर 2021) को आतंकियों ने SKIMS मेडिकल कॉलेज परिसर में सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए फायरिंग की। हालांकि, अभी तक किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है। आतंकियों द्वारा फायरिंग के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर सर्च अभियान तेज कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच गोलीबारी हुई। लेकिन आतंकी भागने में कामयाब रहे। सुरक्षाबलों ने अब आने-जाने वाले रास्तों पर जांच शुरू कर दी है। घटना के बारे में श्रीनगर पुलिस ने बयान जारी करते हुए कहा है कि बेमिना स्थित SKIMS अस्पताल में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। लेकिन, इसी दौरान वहां आम लोगों की मौजूदगी का फायदा उठाकर आतंकी फरार होने में कामयाब रहे। स्पष्ट है कि आम जनता की सुरक्षा के मद्देनजर सिक्योरिटी फोर्सेज के जवानों ने एहतियात बरता।
सर्च अभियान तेज
श्रीनगर पुलिस ने बताया कि हमलावरों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान तेज कर दिया गया है। इस हमले में अभी तक किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि इस नापाक हरकत के पीछे 'हाइब्रिड आतंकियों' का हाथ हो सकता है। बता दें, कि घाटी में विकास योजनाओं को अवरुद्ध करने और अमन बहाली में रोड़ा लगाने के मकसद से आतंकी संगठन इस तरह के हमलों को अंजाम दे रहे हैं। उनका मकसद आम लोगों में खौफ बनाए रखना है।
फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी से होगा आतंक का खत्म
जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है आतंकी उसका फायदा उठाने से चूक नहीं रहे हैं। लेकिन सुरक्षा बल भी पीछे नहीं हैं। बीते दिनों कश्मीर घाटी में आतंकियों ने निशाना बनाकर गैर कश्मीरी मजदूरों की हत्या की थी। रक्षा मामलों के जानकार बताते हैं उसके बाद 'हाइब्रिड आतंकियों' की पहचान के लिए चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक लाने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर श्रीनगर नगर निगम से बात भी हो चुकी है। इसका मतलब है आने वाले दिन आतंकियों पर काल बनकर टूटेंगे। क्योंकि जल्द ही फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) लाई जाएगी।