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बजरंगी हत्याकांड: 3 बाहुबली पुलिस और STF के निशाने पर, सुलझेंगी ये 7 गुत्थियां !

Rishi
Published on: 15 July 2018 2:31 PM GMT
बजरंगी हत्याकांड: 3 बाहुबली पुलिस और STF के निशाने पर, सुलझेंगी ये 7 गुत्थियां !
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लखनऊ : पश्चिम यूपी की बागपत जेल कुछ दिनों पहले माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद दहल उठी थी। इसके बाद से जौनपुर से लेकर मुंबई तक अंडरवर्ल्ड हिला हुआ है। अंडरवर्ल्ड के कई सरगना और पुलिस साजिशकर्ता की तलाश में लगे हैं। पुलिस पूर्वांचल में गैंगवार की घटनाओं को सूंघ रही है लेकिन कोई खुल कर नहीं बोल रहा। एसटीएफ पूर्वांचल के तीन बाहुबलियों के इर्द-गिर्द ही अपनी जांच को घुमा रही है।

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  1. जांच में लगे अफसर सुनील राठी के कबूलनामे के बाद भी इसे उसकी व्यक्तिगत रंजिश मानने को तैयार नहीं है।

2. जांच अधिकारियों को विश्वास है कि मुन्ना की हत्या का पूर्वांचल कनेक्शन है। लेकिन अभी उसके पास कोई ऐसा तार नहीं है जो हत्या को कोई बाहुबली से जोड़ सके।

3. मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सहित जब दो की हत्या हुई थी। और जब तारिक का गोमतीनगर में मर्डर हुआ तो एसटीएफ के शक की सुई माफिया मुख्तार की ओर घूमी। लेकिन मुखबिरों से उसे कोई ऐसा सबूत नहीं मिला जो उसके शक को पुख्ता करता।

4. पुष्पजीत,तारिक और अब मुन्ना की हत्या के बाद परिजन बाहुबली धनंजय सिंह साजिशकर्ता मान रहे हैं, इसके साथ ही माफिया बृजेश सिंह का नाम भी जांच अधिकारियों की लिस्ट में है।

5. बागपत पुलिस आने वाले दिनों में धनंजय सिंह से पूछताछ कर सकती है।

6. इसके साथ ही मुख्तार और बृजेश से भी अफसर मुन्ना मामले में पूछताछ कर सकते हैं।

7. जांच अधिकारियों के सामने आया है कि रेलवे के एक ठेके को लेकर मुन्ना और मुख्तार के रिश्तों में खटास आई थी। कृष्णानंद हत्याकांड के बाद से कहा जा रहा था कि माफिया बृजेश भी मुन्ना से बदला लेना चाहता है। ये भी सामने आया कि मुन्ना इसबार जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। जांच अधिकारी इसे भी हत्या से जोड़ कर देख रहे हैं।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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