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इंडियन एयरफोर्स में शामिल हुआ फाइटर प्लेन तेजस, बेंगलुरु में हुई पूजा
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नई दिल्ली: शुक्रवार को बेंगलुरु में भारत द्वारा बनाया गया ‘तेजस’ नाम का विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया। इसे बनाने में करीब तीन दशक का समय लगा।
शुक्रवार को बेंगलुरु में विधिवत पूजा पाठ करा कर तेजस को वायुसेना में शामिल किया गया। स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस की पहली स्कावड्रन भारतीय वायुसेना को मिल गई। शुरुआती दौर में इस स्कावड्रन में दो विमान शामिल होंगे। ये स्कावड्रन दो साल बेंगलुरु से ऑपरेट की जाएगी।
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तेजस को बनाने में सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने मुख्य भूमिका निभाई थी। कंपनी ने बताया कि वायुसेना का लक्ष्य बार-बार बदलता रहा। पोखरण परमाणु परीक्षण पर 1998 के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर भी तेजस के कार्यक्रम पर पड़ा, जिससे महत्वपूर्ण तकनीक हासिल नहीं की जा सकी।
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इस प्रोजेक्ट को 1983 में शुरू किया गया था। तब इसकी कीमत 560 करोड़ रुपए थी, लेकिन अब इसकी कीमत 10,398 करोड़ रुपए है। अप्रैल 2015 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में इस विमान पर कई सवाल खड़े किए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह प्रोजेक्ट 20 साल पीछे चल रहा है। प्रोजेक्ट की बढ़ती कीमत और विमान की तकनीक और फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरंस पर भी सवाल खड़े किए गए थे।
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