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ट्राइ साइकिल वितरण: PM का दिव्यांग प्रेम काशी में बन गया है कबाड़
वाराणसीः पीएम मोदी जब 22 जनवरी को काशी दौरे पर आए थे तो उन्होंने 9,296 दिव्यांगो को ट्राइ साइकिल और अन्य उपकरणों को बांटने का ऐलान किया था। मोदी 21 फरवरी को दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र आकर चले भी गए, लेकिन अब तक सभी दिव्यांगों को ट्राइ साइकिलें नहीं मिल पाई हैं। ये ट्राइ साइकिलें अब बारिश और धूप में कबाड़ बनती जा रही हैं। साइकिल के लिए सभी ब्लॉकों के दिव्यांगो का रजिस्ट्रेशन किया गया था। प्लान था कि समारोह के बाद सभी ब्लॉकों में जाकर दिव्यांगो को साइकिल बांटी जाएंगी, लेकिन ये आज तक शुरू नहीं हो सका है। कुल 3,674 ट्राइ साइकिले सभी ब्लॉक के दिव्यांगों को बांटी जानी थीं। सभी ट्राइ साइकिलें 22 जनवरी को ही डीरेका के बाल निकेतन स्कूल के मैदान में पहुंच चुकी थी, लेकिन अब उनको पूछने वाला कोई नहीं है।
करोड़ों रुपए का उपकरण बांटे जाने को लेकर पीएम की जयकार तो हो गई, लेकिन अधिकारी पीएम के इतने बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए गंभीर नहीं दिख रहे हैं। समारोह के बाद उपकरणों को बांटने की परवाह न तो जिला प्रशासन को है और न ही बीजेपी के नेताओं को इसकी कोई फ़िक्र है। अब सिर्फ खानापूर्ति करने की कोशिश हो रही है। कबा़ड़ बन रहीं ये ट्राइ साइकलि जब दिव्यांगों तक पहुंचेंगी तब तक उनमें जंग लग चुकी होगी।
क्या कहते है अधिकारी ?
डीरेका के पीआरओ प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि ट्राइ साइकिलें खराब हो रही हैं तो उसमें हम क्या कर सकते हैं। साइकिलें बांटना हमारी जिम्मेदारी नहीं हैं। ये काम एलिम्को कंपनी का है। आप उन्हीं से बात करें। वहीं, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी रणजीत सिंह कहते है कि सेवापुरी ब्लॉक में कुछ ट्राइ साइकिलें बांटी गई हैं और जो बची हैं उसे जल्द बांटने का इंतजाम किया जा रहा है।