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ऐंड्रॉयड मोबाइल में UIDAI के हेल्पलाइन नंबर को लेकर GOOGLE बाबा से हुई चूक
लखनऊ: अपने GOOGLE बाबा से एक बहुत बड़ी भूल हो गई है। दरअसल, यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के कथित हेल्पलाइन नंबर के पीछे और कोई नहीं बल्कि गूगल बाबा हैं। बता दें, ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले मोबाइल फोनों में UIDAI का हेल्पलाइन नंबर दिया हुआ है। वहीं, अपनी गलती मानते हुए गूगल ने इसके लिए माफी भी मांगी है।
इस मामले को लेकर गूगल का कहना है कि ये गलती उनसे अनजाने में हुई। जिसके लिए वो क्षमा मांगते हैं। ये मामला तब गरमाया जब सोशल मीडिया पर इसपर सवाल खड़े होने लगे कि आखिर ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाले मोबाइल फोनों में UIDAI का कथित हेल्पलाइन नंबर आया कहां से।
UIDAI ने स्पष्ट की पूरी बात
वहीं, मामला बढ़ते देख शुक्रवार को UIDAI ने इस बात को स्पष्ट किया कि उसका इससे कोई लेना-देना नहीं है और न ही उसने इस विषय में किसी टेलीकॉम ऑपरेटर को कोई दिशा-निर्देश दिए हैं। बाद में शुक्रवार देर रात गूगल के स्पष्टीकरण से ये मामला सुलझ गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए गूगल ने बयान जारी किया कि, ‘हम इस मामले को लेकर माफी मांगते हैं कि हमारे कारण तकलीफ हुई। हम सबको विश्वास दिलाना चाहते हैं कि यह ऐंड्रॉयड डिवाइस में अनधिकृत प्रवेश का मामला नहीं है। यूजर्स इस नंबर को मैन्यूअली डिलीट कर सकते हैं।'
इस मामले में गूगल का ये भी कहना है कि साल 2014 में ही ऐंड्रॉयड फोन्स में हेल्पलाइन नंबर- 1800-300-1947 कोड किया गया था। हालांकि, अब यूजर्स ने इसे अपने फोन पर देखा है। वहीं, गूगल के एक प्रवक्ता का कहना है कि उनकी समीक्षा में ये मामला सामने आया है कि UIDAI हेल्पलाइन और आपदा हेल्पलाइन नंबर 112 अनजाने में साल 2014 में ऐंड्रॉयड के सेटअप विज़र्ड में कोड कर दिया गया था। यही नहीं, बाद में इन्हें ही भारत के फोन निर्माता कंपनियों (OEMs) के लिए जारी किया गया। तभी से मोबाइल फोन यूजर्स के कॉन्टैक्ट लिस्ट में ये दोनों नंबर शामिल हैं।
गूगल ने पेश की सफाई
गूगल का इस मामले को लेकर ये भी कहना है कि फोन बदलने के बाद भी गूगल से पुराने नंबर ट्रांसफर हो जाते हैं। ऐसे में अब नए फोनों में भी वही नंबर आ गए हैं। हालांकि, गूगल सेटअप विज़र्ड की अगली रिलीज में इसे फिक्स करके इस दिक्कत को खत्म कर देगी। बता दें, ये मामला तब उजागर हुआ जब फ्रेंच सिक्यॉरिटी रिसर्चर एलियट ऐल्डरसन ट्वीट कर UIDAI से सवाल किया कि कई यूजर्स के फोन में उनकी जानकारी के बिना आधार का फोन नंबर कैसे सेव है।
जबकि, इन यूजर्स के पास आधार कार्ड ही नहीं है और न ही इन सभी के फोन में mAadhaar ऐप इंस्टॉल नहीं है। वहीं, एलियट ऐल्डरसन के इस ट्वीट को लोगों ने ट्विटर पर अपने अड्रेस बुक का स्क्रीनशॉट शेयर करना शुरू कर दिया क्योंकि लोगों को भी लगने लगा कि UIDAI का हेल्पलाइन नंबर यूजर्स के फोन में टेलिकॉम कंपनियां खुद-ब-खुद कॉन्टैक्ट लिस्ट में डाल रही हैं जबकि बाद में खुद UIDAI ने इस बात को स्पष्ट कर दिया। बाद में गूगल ने इस मामले को लेकर अपनी सफाई पेश की।