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अब वरुणा कॉरिडोर पर योगी सरकार सख्त, चीफ इंजीनियर सस्पेंड
वाराणसी: गोमती रिवर फ्रंट के बाद अब योगी सरकार की नजरें वरुणा कॉरिडोर पर लगी हुई हैं। करोड़ों रुपए की इस परियजोना में भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायतें सामने आने के बाद सरकार ने सख्त तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
कार्य में लापरवाही बरतने पर सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र शर्मा को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही प्रोजेक्ट में लापरवाही को लेकर अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है।
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अखिलेश का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है वरुणा कॉरीडोर
वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए अखिलेश यादव ने वरुणा कॉरिडोर बनाने का फैसला किया था। 201 करोड़ रुपए की लागत से वरुणा किनारे घाट बनाने के साथ ही चैनलाइजेशन का काम सिंचाई विभाग की ओर से शुरू किया गया। इसके अलावा पक्के घाट, पाथवे बनाने के साथ ही हाईमास्ट, कुर्सियां और रंग बिरंगी नावें चलाई जानी थी। लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों और लापरवाह नेताओं के चलते ये परियोजना परवान नहीं चढ़ पाई। निर्माण के दौरान एक के बाद एक कई ऐसे वाकये सामने आए, जिससे परियोजना को लेकर सवाल उठने लगे। कर्मचारियों के मुताबिक तय समय निकल जाने के बाद भी परियोजना का सिर्फ पचास फीसदी ही काम हो पाया है। यही नहीं, मिट्टी पाटने से लेकर निर्माण साम्रागी की खरीददारी को लेकर सवाल उठाए गए।
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नहीं हुआ प्रमुख सचिव के निर्देशों का पालन
बताया जा रहा है, कि वरुणा कॉरिडोर का काम प्रदेश में सरकार बदलते ही ठप हो गया था। करीब 100 करोड़ रुपए खर्च होने के साथ ही काम बंद होने पर सरकार पर सवाल उठने लगे थे। ऐसे में बीजेपी सरकार जांच कराने की बात करने लगी। फिर सरकार ने जनता का पैसा बर्बाद नहीं होने का हवाला देते हुए काम पूरा कराने का भरोसा दिया था, फिर भी काम शुरू नहीं हो सका।
बीते दिनों सीएम के साथ वाराणसी दौरे पर आए प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चंद्रा ने वरुणा कॉरिडोर का निरीक्षण करने के साथ ही शीघ्र काम शुरू करने का निर्देश दिया था, फिर भी काम शुरू नहीं हुआ।
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