......और 'जातीय संघर्ष की आग' पर रोटी सेंकने को तैयार बसपा सुप्रीमो मायावती

Rishi
Published on: 22 May 2017 11:15 AM GMT
......और जातीय संघर्ष की आग पर रोटी सेंकने को तैयार बसपा सुप्रीमो मायावती
X

लखनऊ : बुरा वक्त किसी को कितना बदल सकता है, ये देखना समझना हो तो बसपा सुप्रीमो मायावती को देखिए। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे जिसे देशी-विदेशी मीडिया ने कवर किया। सभी दलों के नेता हालात का जायजा लेने वहां गलियों में घूमें लेकिन मायावती ने वहां जा किसी के घाव पर मरहम नहीं लगाया। अब वही माया मंगलवार सहारनपुर के शब्बीरपुर पहुंचेंगी। मायावती दिल्ली से सुबह आठ बजे शब्बीरपुर के लिए निकलेंगी।

ये भी देखें : दलितों ने CM योगी को दिखाया था काला झंडा, पुलिस ने 500 लोगों पर दर्ज किया मुकदमा

बता दें, विधानसभा चुनाव में 19 सीटों पर सिमटी बसपा के सामने आगामी चुनावों में अपने दलित वोट बैंक को बचाने की चुनौती है। जानकारों के मुताबिक पार्टी मुखिया यह अच्छी तरह समझ भी रही हैं। यही कारण है कि जातीय संघर्ष के इस मुद्दे को हवा देने में बसपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी रणनीतिकार इसे मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पश्चिमी यूपी में गिरे पार्टी के जनाधार को संजोने के मौके के तौर पर देख रहे हैं। दूसरी ओर पार्टी में विभिन्न जातियों की अगुवाई करने वाले नेता एक-एक कर विदा हो रहे हैं।

माया के इस दौरे के बाद पार्टी नेताओं का मनोबल और विश्वास बढेगा। दलित वोट बैंक में रहनुमाई का संदेश जाएगा। सत्ता पक्ष की दुखती रग उभारने का जो मौका मिलेगा वह अलग। यही वह कारण है, जिसकी बिना पर बसपा मुखिया मायावती ने सहारनपुर की यात्रा तय कर सियासी दलों को चौंकाने वाला कदम उठाया है।

तब भी दंगे में आया था सांसद राघव लखनपाल का नाम

26 जुलाई 2014 को भी सहारनपुर में दंगा हुआ था। उस समय वहां के कुतुबशेर इलाके में एक विवादित स्थल का निर्माण इसकी वजह बनी। तब भी भाजपा सांसद राघव लखनपाल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। उनके उपर शहर में घूम घूमकर लोगों को दंगे के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए थे। उस समय राज्य में अखिलेश सरकार थी। हाल के दिनों में भी सहारनपुर में जातीय दंगा हुआ। इसके लिए भी विपक्ष भाजपा सांसद राघव लखनपाल को जिम्मेदार ठहरा रहा है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story