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फर्जी स्टिंग: TV TODAY के जर्नलिस्टों को मोहलत, 4 मार्च को होगी पेशी
लखनऊ: मुजफ्फरनगर दंगों के स्टिंग मामले में टीवी टुडे नेटवर्क (टीवीटीएन) के आरोपी पदाधिकारी आगामी चार मार्च को विधानसभा के कटघरे में होंगे। टीवीटीएन के आरोपी शुक्रवार को विधानसभा में पेश नहीं हुए। उनकी तरफ से ग्रुप हेड लीगल पुनीत जैन ने पत्र भेजकर विधानसभा से पेश होने के लिए और समय देने का आग्रह किया। विधानसभाध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने इस पर चर्चा के बाद टीवीटीएन के आरोपी पदाधिकारियों को चार मार्च को 12:30 बजे विधानसभा में पेश होने का आदेश दिया है।
नोटिस पर जवाब के लिए मांगा समय
टीवीटीएन की तरफ से विधानसभा को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस नोटिस पर उन्हें जवाब देने के लिए कम समय दिया गया है। सदन के संस्तुतियों की पूरी प्रति भी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। पहले उन्हें रिपोर्ट की प्रति प्राप्त कराई जाए और फिर सदन मे प्रस्तुत होने के लिए और समय देने का आग्रह किया गया। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने पत्र पढ़कर इससे सदन को अवगत कराया।
पद्मजा जोशी और दीपक शर्मा से कर रहे हैं संपर्क
पत्र में कहा गया है कि आरोपी दीपक शर्मा और पद्ममजा जोशी मौजूदा समय में उनके यहां कार्यरत नही हैं। हम उनसे संपर्क कर रहे हैं।
सदन में उपस्थित न होना बहाना
स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि स्टिंग ऑपेरशन पर प्रतिवेदन सदन में 16 फरवरी को प्रस्तुत किया गया था और आज 26 फरवरी है। इस बीच 10 दिन का अंतराल था। टीवीटीएन के पदाधिकारियों को सदन में प्रस्तुत होने के लिए पर्याप्त समय था। इसके बाजवूद सदन में नहीं आना और पत्र भेजना। यह किसी न किसी बहाने की तरफ इंगित करता है। चूंकि सदन एक तरफ कार्यवाही के पक्ष में नहीं है, इसलिए इन्हें समय दिया जाना चाहिए और अगली जो भी तिथि सुनिश्चित होती है। उसमें इनकी उपस्थिति अनिवार्य होगी।
यह समय आगे बढ़ाने का एक तरीका : माथुर
कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा कि यह एक तरीका है। समय आगे बढ़ाने का। न्याय प्रक्रिया कहती है कि यदि समय मांगा जाता है तो समय दे दिया जाए लेकिन इसमें टालमटोल नहीं होना चाहिए। इसमें एक तारीख दे दी जाए।
बीजेपी प्रक्रिया से अलग
बीजेपी के सुरेख खन्ना ने कहा कि पार्टी पहले ही इस प्रक्रिया से खुद को अलग कर चुकी है। वहीं लोकदल के दलबीर सिंह ने खुद को नेता विरोधी दल स्वामी प्रसाद मौर्या से सम्बद्ध करते हुए कहा कि इन्हें समय दिया जाए।
23 फरवरी को पेश होना का मिला था आदेश
23 फरवरी को सदन में चर्चा के बाद इन्हें आज पेश होने का आदेश दिया गया था। वहीं, 16 फरवरी को यूपी विधानसभा की सात मेंबर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी थी। इस रिपोर्ट में न्यूज चैनल आज तक और हेडलाइंस टुडे को अवमानना और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का दोषी पाया था। चैनल ने कैबिनेट मंत्री आजम खान के खिलाफ मुजफ्फरनगर दंगे को लेकर फर्जी स्टिंग ऑपरेशन चलाया था। एडिटर सहित कई लोगों के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।
इन्हें बुलाया गया सदन में
4 मार्च को सदन में चैनल के मैनेजिंग एडिटर सुप्रिया प्रसाद, आउअपुट हेड मनीष कुमार,एसआईटी हेड दीपक शर्मा, हेडलाइंस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राहुल कंवर, एडिटर और एंकर पुण्य प्रसून बाजपेई, रिपोर्टर हरीश शर्मा, एंकर गौरव सावंत और पदम्बा जोशी पेश होंगे।
मीडिया बन गया टीआरपी का खेल
समिति के सभापति सतीश कुमार निगम ने स्टिंग ऑपरेशन संबंधि जांच सदन के पटल पर रखते हुए कहा था कि मीडिया टीआरपी का खेल और व्यापार का साधन बन गया है। अपने व्यापार के अति उत्साह और पैसे की खेल में मीडिया के लोग क्या-क्या कर जाते हैं और उसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। इसका इनको अहसास नहीं है।
रिपोर्ट में ये लगी हैं धाराएं, इनका है ये मतलब
IPC 295ए- ऐसे काम जिससे किसी वर्ग या धर्म का अपमान हुआ हो या उनकी भावनाएं आहत हुई हों।
IPC 463- फर्ज़ी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉड्र्स का इस्तेमाल
IPC 464- फर्जी दस्तावेज तैयार करना
IPC 465- फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले को 2 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों
IPC 469- किसी की छवि को क्षति पहुंचाने की दुर्भावना से इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार कर उसका इस्तेमाल करना। इसमें दोषी होने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है।
IPC 471- फर्जी इलेक्ट्रॉनिक फुटेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना।
CrPc 200, CrPc 202- अभियोजन के लिए परिवादी की उपस्थिति आवश्यक है।