PM मोदी नहीं कर पाए जो काम वो अब करेंगे BHU स्‍टूडेंट्स

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Published on: 18 April 2016 10:45 AM GMT
PM मोदी नहीं कर पाए जो काम वो अब करेंगे BHU स्‍टूडेंट्स
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वाराणसी: पीएम मोदी एक तरफ देवालय से पहले शौचालय की बात करते हैं और स्वच्छता अभियान चला रहे हैं। वहीं शहर में एक ऐसा गांव है जहां न ही आंगनबाड़ी है, न स्वास्थ्‍य केंद्र और न ही टाॅयलेट। इस गांव के कुएं और हैंडपंप भी सूख चुके हैं।

पीएम के कार्यकाल के करीब दो साल हो रहे हैं, लेकिन गांव की स्थितियां ज्‍यों की त्‍यों हैं ऐसे में पीएम से विकास की आस छोड़ चुके ग्रामीणों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आए हैं बीएचयू के स्‍टूडेंट्स। अब वे इस गांव को गोद लेकर आदर्श गांव बनाना चाहते हैं।

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गांव में सूखा पड़ा कुआं गांव में सूखा पड़ा कुआं

क्‍या है मामला

-वाराणसी शहर से 10 किलोमीटर दूर परजनपुर गांव है जहां सिर्फ समस्याएं ही हैं।

-मेन हाईवे से महज 500 मीटर की दूरी पर ये गांव बसा है।

-सुविधाओं के नाम पर गांव में पांच सूखे हुए कुएं,दो सूख चुके तालाब और आधा दर्जन हैंड पंप हैं जिसमें पानी नहीं आता।

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गांव का मुआयना करते स्टूडेंट्स गांव का मुआयना करते स्टूडेंट्स

महिलाओं ने गिनाईं ये समस्‍याएं

-महिलाएं अपना दर्द बताती हैं कि इस गांव में एक भी टॉयलेट नहीं है-उन्हें शौच के लिए अंधेरा होने का इंतजार करना पड़ता है

-5 हज़ार की आबादी वाले परजनपुर गांव में कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं है।

-गांव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है। गांव में शिक्षा का स्तर निम्न है तथा बालिका शिक्षा शून्य के बराबर है।

कई महीनों से बंद है सरकारी स्‍कूल

-ऐसे में इस गाव में लोग अभावों में जीवन- यापन कर रहे हैं।

-गांव में एक प्राथमिक विद्यालय है पर वो भी टूटा-फूटा है।

-आलम ये है कि स्‍कूल कई महीनों से बंद है जिससे यहां पढ़ाई भी बाधित है।

क्‍या कहा टीचर ने

-स्कूल के टीचर रवि अग्रवाल कहते हैं हमने शिकायत की है पर अभी तक स्कूल ठीक नहीं हुआ।

-स्कूल में 6 टीचर हैं और तीन कमरे हैं जिसमें क्‍लास 5 तक के बच्चे पढ़ते हैं।

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होप वेलफेयर ट्रस्ट ने उठाई जिम्‍मेदारी

-युवाओं की संस्था होप वेलफेयर ट्रस्ट ने अब इस गांव को संवारने की जिम्मेदारी उठाई है।

-ये संस्था युवाओं ने बनाई है। चार दोस्तों से शुरू हुई इस संस्था में इस समय 287 स्टूडेंट्स हैं।

-बीएचयू और काशी विद्यापीठ के अलावा जेएनयू और डीयू के भी स्टूडेंट्स इस संस्था से जुड़कर कार्य कर रहे हैं।

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-अब ये स्‍टूडेंट्स मिलकर इस गांव को आदर्श गांव बनाना चाहते हैं।

-गांव में पहली बार कैवरी पांडेय,रीती विमल, प्रीति ठाकुर, दिव्यांशु उपाध्याय, धर्मेंद्र यादव सुधांशु आदि स्‍टूडेंट्स ने कैम्प लगाकर गांव की समस्याओं को जाना और उनके हल के लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया।

गांव के प्रधान रामाधार ने क्‍या कहा

-स्‍टूडेंट्स के गांव में आने के बाद अब लगता है कि शायद कुछ विकास हो जाए।

-आजादी के बाद से इस गांव में समस्याओं का अंबार ही लगा हुआ है।

नीचे की स्‍लाइड्स में देखें तस्‍वीरें...

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