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क्या वरुण गांधी यूपी में बीजेपी के लिए शत्रुघ्न सिन्हा साबित होंगे ?
लखनऊ: यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी नेताओं में सीएम पद पर प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर आगे निकलने की होड़ मची है। एक तरफ गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ के समर्थक लगातार पोस्टरों के माध्यम से पार्टी आलाकमान से इसकी मांग कर रहे हैं। तो दूसरी ओर नेहरू गांधी परिवार के सुलतानपुर के सांसद वरुण गांधी हैं जो इस परिवार के अपने गढ़ इलाहाबाद से अपने समर्थकों के जरिए ये मांग उठा रहे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पाटलीपुत्र के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी ऐसी ही मांग को लेकर अपने समर्थकों के माध्यम से पटना को पोस्टर से पाट दिया था। बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 12 और 13 जून को इलाहाबाद में हो रही बैठक के ठीक दो दिन पहले वरुण के समर्थन में लगने वाले पोस्टर से साफ जाहिर हो रहा है कि वो भी शत्रुघ्न सिन्हा की राह पर जा सकते हैं।
दिलचस्प है कि वरुण के समर्थन में लगे पोस्टरों में पीएम नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी रहे संजय जोशी के साथ शत्रुघ्न सिन्हा की तस्वीर भी है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अनुशासन तोड़ने वालों पर कार्रवाई होगी। लेकिन पार्टी के नेता उनकी बात अनसुनी कर रहे हैं।
इलाहाबाद में पार्टी कार्यकरिणी से पहले अलग-थलग पड़े वरुण गांधी ने तो ये जता दिया है कि वो पार्टी लाइन में आने वाले नहीं हैं। पूरे इलाहाबाद की सड़कें वरुण गांधी के बड़े-बड़े होडिंग्स से पटी पड़ी हैं। गांधी के साथ पोस्टर में सिर्फ नरेंद्र मोदी और अमित शाह के चेहरे हैं और नारा 'मिशन 265 प्लस' का है।
पोस्टर लगाकार पेश की दावेदारी बात सिर्फ वरुण गांधी पर ही आकर नहीं थम रही। पोस्टर उन नेताओं के भी लगे हैं, जिन्हें पार्टी या तो बाहर कर चुकी है या फिर बागी घोषित हैं। शत्रुघ्न सिन्हा और नरेंद्र मोदी की आंख की किरकिरी रहे संजय जोशी भी बैनर पोस्टर में पार्टी का चेहरा बने हैं। ये तमाम पोस्टर पार्टी ने नहीं, बल्कि इन नेताओं के समर्थकों ने लगवाए हैं। बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा का कहना है, कि 'पोस्टर छपवाने से कोई नेता नहीं बनता। पार्टी ग्रासरूट पर काम करके ही चुनाव में उतरेगी।'
वरुण के समर्थन में लगे पोस्टर में उनके अलावा स्मृति ईरानी की भी फ़ोटो लगी है और लिखा गया है। 'स्मृति ईरानी हुई बीमार, उत्तर प्रदेश की यही पुकार, वरुण गांधी अबकी बार।' गौरतलब है कि बीजेपी के अंदरखाने में सीएम पद के लिए स्मृति इरानी का नाम भी तेजी से उछला था।
पोस्टर लगाने वाले नेताओं ने कहा
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम के नाम की घोषणा होगी। वरुण गांधी इस रेस में सबसे आगे हैं और उनके नेतृत्व में 2017 विधानसभा का चुनाव लड़ा जाए। इन नेताओं का कहना है की पार्टी को यूपी में युवाओं के हाथ में कमान सौंपनी चाहिए। उनका कहना है की वरुण गांधी से बेहतर सीएम और कोई नहीं हो सकता।
इससे पहले मई में भी वरुण का इलाहाबाद दौरा विवादों में घिर गया था। बीजेपी जिलाध्यक्ष राम रक्षा द्विवेदी ने कहा था कि जो कार्यकर्ता वरुण के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खुद को कार्यक्रम में न बुलाए जाने से नाराज जिलाध्यक्ष का कहना है कि पार्टी की तरफ से इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गई है। ये कार्यक्रम पार्टी की लाइन से पूरी तरह हटकर है।
वरुण बीजेपी के फायर ब्रांड नेता हैं। लोकसभा के लिए 2009 के चुनाव में उत्तेजित भाषण के कारण उन्हें एटा जेल में रहना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत इस शर्त पर मंजूर की थी कि वे भाषण में संयम बरतेंगे।
हाल के दिनों में सोशल मीडिया में इस बात की जोरदार चर्चा चल रही है कि वरुण और मेनका गांधी कांग्रेस में जा रहे हैं। वरुण ने इसका खंडन करते हुए कहा कि ऐसा कोई पालग ही सोच सकता है कि वो कांग्रेस में जा रहे हैं। बीजेपी से अलग होने के बारे में तो वो सपने में भी नहीं सोच सकते।
ये सच है कि वरुण कांगेस में जाने के बारे में सोच नहीं सकते क्योंकि उस पार्टी में उनको वो सम्मान भी नहीं मिल पाएगा जो अब तक बीजेपी में मिलता रहा है। हां, इस बात के संकेत जरूर मिल रहे हैं कि यदि वरुण को बड़ी जिम्मेवारी नहीं मिली तो वो शत्रुघ्न सिन्हा के रास्ते पर जा सकते हैं।