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नवाज की शराफत पर दाग क्या लगा, पीएम पद पर खींचतान शुरू, भाई सबसे आगे

Rishi
Published on: 28 July 2017 5:42 PM IST
नवाज की शराफत पर दाग क्या लगा, पीएम पद पर खींचतान शुरू, भाई सबसे आगे
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत द्वारा शुक्रवार को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज शरीफ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मिति से एक जांच समिति द्वारा शरीफ के परिवार की संपत्ति को आय से कई गुना अधिक पाए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया।

इस पीठ के एक न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि शरीफ संसद और अदालत के प्रति ईमानदार नहीं रहे और वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं। पनामा पेपर के नाम से चर्चित इस मामले में लंबे इंतजार के बाद आए फैसले से सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग चकित है और उसने कहा है शरीफ के लिए सबकुछ खत्म नहीं हुआ है और वह अभी भी हमारे नेता बने रहेंगे।

इसके थोड़ी देर बाद शरीफ ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, इस फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने खुशी जताई है। विपक्ष के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया। शरीफ ने कहा कि वह इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें सर्वोच्च अदालत का फैसला संदेहपूर्ण लग रहा है।

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अदालत ने मरियम नवाज (शरीफ की बेटी), कप्तान मुहम्मद सफदर (मरियम के पति), हसन और हुसैन नवाज (प्रधानमंत्री शरीफ के बेटों) के साथ-साथ प्रधानमंत्री शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार-रोधी मामले दर्ज कराने की सिफारिश की है।

खंडपीठ ने वित्तमंत्री इशाक डार और नेशनल एसेम्बली के सदस्य कप्तान सफदर को भी पद के अयोग्य घोषित कर दिया। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पीठ ने शरीफ को जीवन भर के लिए अयोग्य करार दिया है। कार्यान्वयन पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा एकत्रित सभी सबूतों को छह सप्ताह के भीतर एक जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाएगा।

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अदालत ने राष्ट्रपति ममनून हुसैन से भी आग्रह किया कि वह देश के मामलों का प्रभार अपने हाथों में ले लें। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि 2018 में होने वाले अगले आम चुनाव तक इस पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा।

इसके बाद पीएम पद के लिए कुछ नाम हवा में तैरने लगे हैं, जिनकी दावेदारी काफी मजबूत नजर आ रही है। लेकिन तस्वीर तो साफ़ तभी होगी जब शरीफ का उत्तराधिकारी शपथ ले लेगा।

फिलहाल आप जानिए की कौन है रेस में

शहबाज शरीफ

पीएम नवाज के भाई शहबाज शरीफ इस रेस में सबसे आगे नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहबाज की ताजपोशी के पहले किसी अनजाने चेहरे को अंतरिम पीएम के पद पर बैठाया जाएगा। शहबाज इस समय पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। पंजाब शरीफ का मजबूत गढ़ है। पीएम बनने के लिए शहबाज को अपने पद से इस्तीफा देना होगा और उन्हें सांसद बनना होगा। शहबाज काफी तेज-तर्रार नेता है। हालांकि शहबाज के पास नवाज जैसी मास अपील नहीं है, उन्हें नवाज की छाया तले काम करना होगा।

ख्वाजा आसिफ

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी रेस में बने हुए हैं। आसिफ नवाज के खास सिपहसलार हैं। नवाज के पिछले निर्णयों को देखने पर समझ आता है कि आसिफ ही अगले पीएम हो सकते हैं। आसिफ बैंकर रहे हैं, 1991 से ही वो पीएमएल-एन में मजबूत स्थिति में हैं। संसद में आसिफ सियालकोट का प्रतिनिधित्व करते हैं। आसिफ के साथ एक बुरी बात ये है कि वो सेना के साथ अपने बुरे व्यवहार के लिए कुख्यात हैं।

सरदार अयाज सादिक

स्पीकर सरदार अयाज सादिक भी इस रेस में दौड़ रहे हैं। सादिक शरीफ के काफी करीबी हैं। सादिक 2013 चुनाव में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को लाहौर सीट पर पटखनी दे चर्चा में आए। हालांकि सादिक ने आरोपों के बाद इस सीट से इस्तीफा दे फिर चुनाव लड़े और मामूली अंतर से जीत संसद पहुंचे। इसके बाद उन्हें असेंबली का स्पीकर चुना गया। सादिक इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ से राजनीति में आए, लेकिन 2002 में इमरान से विवाद के बाद पीएमएल-एन में शामिल हो गए और उनके ही खिलाफ चुनाव लड़ा।

अहसान इकबाल

अहसान इकबाल भी पीएम की रेस में हैं लेकिन उन्हें छुपा रुस्तम माना जा सकता है। इकबाल नवाज सरकार में फेडरल प्लानिंग ऐंड डिवेलपमेंट मंत्री हैं।

आपको जानकार हैरत होगी कि नवाज का यह तीसरा कार्यकाल था। लेकिन उनका दुर्भाग्य हमेशा उनके साथ जुदा रहा और वो कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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