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साजिश के तहत नरसिंह को डोपिंग में फंसाने का शक, संदिग्ध की पहचान

Rishi
Published on: 27 July 2016 4:06 AM IST
साजिश के तहत नरसिंह को डोपिंग में फंसाने का शक, संदिग्ध की पहचान
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नई दिल्लीः डोपिंग में फंसे पहलवान नरसिंह यादव को रियो ओलंपिक में जाने से रोकने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचे जाने के सबूत मिलने का दावा किया गया है। सूत्रों के मुताबिक नरसिंह ने मंगलवार को उस संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर ली, जिसने उन्हें खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाकर दी थी। उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।

आज नरसिंह रखेंगे अपना पक्ष

नरसिंह बुधवार को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ और नरसिंह के वकील नाडा के सामने कई सबूत पेश करेंगे। इसमें सीसीटीवी की वो फुटेज भी है, जिसमें पिछले दिनों एक अज्ञात शख्स खाने में कुछ मिलाने की कोशिश करता नजर आ रहा था।

ले सकते हैं प्रतिद्वंद्वी पहलवान का नाम

राहत के लिए नाडा के सामने नरसिंह को यह साबित करना होगा कि उनके फंसने से सीधा प्रतिद्वंद्वी को फायदा पहुंच रहा था। माना जा रहा है कि नरसिंह इसमें प्रतिद्वंद्वी पहलवान और उनके रिश्तेदार का सीधा नाम ले सकते हैं।

साजिश साबित हुई तो छूट

वाडा का नियम 10.4 कहता है कि यदि साजिश के तहत किसी को फंसाया गया, तभी उसे निलंबन से छूट मिलेगी। अगर नरसिंह अपना पक्ष साबित नहीं कर सके तो उन्हें कम से कम एक साल का निलंबन झेलना होगा।

साई के हॉस्टल में रची गई साजिश

सूत्रों ने बताया कि नरसिंह को 5 जून को खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाकर दी गई थी। यह साजिश सोनीपत में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के हॉस्टल में रची गई। हॉस्टल के दो रसोइयों ने बताया है कि उन्होंने एक संदिग्ध को खाने में कुछ मिलाते हुए देखा। वे उसको पहचान सकते हैं। दोनों रसोइयों का कहना है कि संदिग्ध ने प्याज और टमाटर की सलाद पर पाउडर जैसा कुछ छिड़का था।

फाइल फोटोः पहलवान नरसिंह यादव



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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