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योगी बोले- गोहत्यारों को 40-60 लाख, शहीदों को 20 लाख की सरकारी भीख
गोरखपुर: भाजपा के फायर ब्रांड नेता और सांसद महंत योगी आदित्यनाथ ने मथुरा के जवाहर बाग कांड पर प्रदेश सरकार को अपशकुनी बताया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का फेल्योर है। सरकार गो-हत्यारों को 40 लाख का मुआवजा देती है। वहीं शहीद होने वाले एसपी और थानाध्यक्ष के परिवार को 20 लाख रूपए की भीख दे रही है।
क्या है योगी आदित्यनाथ का कहना
-योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रदेश की अराजकता को प्रदेश में व्याप्त जंगलराज को प्रदर्शित करता है।
-समाजवादी पार्टी की सरकार ने हत्या, लूट,अपहरण, बलात्कार को उत्तर प्रदेश की दुर्भाग्य से पहचान बना दी है।
-पुलिस का एसपी और पुलिस का दरोगा समाजवादी पार्टी की सरकार में कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं है।
-यह प्रदेश के लिए अपशकुनी सरकार है
-पिछले 4 साल में इस सरकार के आने के बाद से लगभग एक दर्जन से अधिक एसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, पुलिसकर्मी अपराधियों और अराजकतत्वों के हाथों मारे जा चुके हैं।
-सरकार गोहत्यारों को 40 से 60 रूपए का मुआवजा देती है।
-एसपी और इंस्पेक्टर के परिवार के लोग शहीद होते हैं, तो लगता हे कि सरकार उनको भीख दे रही हो।
-कुछ तो शर्म आनी चाहिए इन बेशर्मों को, आश्चर्य होता है कि कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है।
नहीं होती कोई गिरफ्तारी
-आगे उन्होंने कहा कि देवरिया में बुहारी आश्रम में साधू की हत्या कर दी जाती है।
-अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
-ढाई सौ 300 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो जाती हैं।
-इस सरकार को इससे कोई मतलब ही नहीं रहता।
-मथुरा में कल जो कुछ भी हुआ है, यह तो अराजकता की पराकाष्ठा है।
-उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
-मुझे लगता है इस सरकार को स्वयं इस्तीफा देना चाहिए।
-इस पर विचार किया जाना चाहिए कि सरकार जब प्रदेश को सुरक्षित नहीं रख सकती।
घटना का कारण जनता से बातचीत न करना है
-योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पूरा प्रदेश के अंदर विभिन्न इकाइयों के आपसी द्वन्द को भी छलकाता है।
-पूरे देश के अंदर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सार्वजनिक मार्ग पर अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में प्रभावी नहीं है।
-अपने प्रशासन से उनकी रक्षा प्रदेश की सरकार करवाती है।
-अगर वे अवैध कब्जाधारी थे, तो उसको हटाने के लिए एक व्यवस्थित ऑपरेशन की आवश्यकता थी।
-बातचीत के बाद मुझे लगता है बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता था।
-लेकिन जब संवाद ही जनता से नहीं होगा तो इस प्रकार की घटनाएं होंगी।
-उन्होंने कहा कि इस घटना में बातचीत न करने की गलती है।