TRENDING TAGS :
मुस्लिम लॉ बोर्ड पर बोले योगी- उस देश में चले जाएं जहां शरीयत कानून
बलिया: बीजेपी के फायरब्रांड नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर पलटवार किया है। शरीयत कानून में कोर्ट की दखल स्वीकार ना करने की बात पर उन्होंने कहा, ''ऐसा कहने वालों को जिस देश में शरीयत कानून लागू है, उस देश में चले जाना चाहिए। एक देश में दो कानून नहीं चलेगा।''
-रविवार को बलिया में एक कार्यक्रम के बाद योगी मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
-उन्होंने कहा कहा- भारत एक संविधान और विधान से चलेगा। यह देश शरीयत कानून से नहीं चलेगा।
-बोर्ड का बयान कोर्ट की अवमानना के दायरे में आता है।
यह भी पढ़ें... ट्रिपल तलाक जायज,बोर्ड ने कहा-पर्सनल मामलों में कोर्ट न करे हस्तक्षेप
मुस्लिम महिलाएं सुविधाओं से वंचित
-आज पूरी दुनिया में नारी सशक्तिकरण की बात हो रही है, लेकिन मुस्लिम समाज में आधी आबादी को न्याय से वंचित करके अंधेरगर्दी में डाल दिया गया है।
-मुस्लिम महिलाएं न्याय और सुविधाओं से वंचित हैं। कोर्ट को मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए दखल देनी चाहिए।
-कोर्ट को इस मामले में बहुत पहले ही दखल देना चाहिए था।
योगी ने और क्या कहा...
-देश के हर व्यक्ति को देश भक्तहोना चाहिए और भारत माता की जय का नारा लगाना चाहिए।
-सपा की मानसिकता तालिबानी हो गई है और उसका लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई सम्मान नहीं रह गया है।
-नेता संवैधानिक प्रमुख (गवर्नर) का अनादर कर संविधान का अपमान कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें... UP के CM बनें योगी, मुस्लिमों ने मांगी दुआ, मजार पर की चादरपोशी
सीएम पद का दावेदार नहीं
भाजपा सांसद योगी आदित्य नाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह भाजपा में सीएम पद के दावेदार नहीं हैं। वे पद प्रतिष्ठा के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। राजनीति उनके लिए सेवा का माध्यम है। बीजेपी के पास नेताओ की कमी नही हैं।
'नाग अखिलेश और नागिन मायावती'
इस मौके पर बीजेपी के दो सांसदों रवींद्र कुशवाहा और भरत सिंह ने योगी को यूपी का दल का सबसे बड़ा नेता बताते हुए कहा, ''योगी ही नाग अखिलेश और नागिन मायावती का वध करेंगे।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर क्यों बरसे योगी?
-आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक और एक से अधिक शादी जैसे शरई कानून को जायज करार दिया है।
-बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पैरवी करने का फैसला किया है।
-बोर्ड ने तीन तलाक, गुजारा भत्ता, चार शादियां, जैसे मामलों में शरीयत कानून के खिलाफ आ रहे अदालती फैसलों को पर्सनल लॉ में दखलंदाजी करार दिया है।