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Chaitra Navratri 2024: कन्या पूजन के समय न करें ये गलती, माता रानी हो सकतीं हैं आपसे नाराज़
Chaitra Navratri 2024: कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो यहाँ दी गयी कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें वार्ना माँ आपसे नाराज़ हो सकतीं हैं।
Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है इस दिन और नवमी को कन्या पूजन का विशेष महत्त्व होता है। वहीँ कन्याओं को पूजते समय आपको कुछ बेहद ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा नहीं तो माता रानी आपसे नाराज़ हो सकतीं हैं। साथ ही आपके पूजा पाठ का भी आपको फल नहीं मिलता है। आइये जानते हैं कन्या पूजन के समय कौन सी गलती कभी नहीं करनी चाहिए।
कन्या पूजन के समय न करें ये गलतियां (Never do These Mistakes in Kanya Poojan During Navratri)
नवरात्रि का पावन त्योहार घरों में खुशियां और सकारात्मकता लेकर आता है वहीँ इस दौरान कन्या पूजन का भी विशेष महत्त्व बताया गया है। कहते हैं कि कन्याओं का पूजन करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होतीं हैं। साथ ही कन्याओं को माँ का स्वरुप भी माना गया है। कई जगहों पर इस दिन कन्याओं का पूजन किया जाता है वहीँ कहीं कहीं नवमी पर भी कन्याओं का पूजन होता है। ऐसे में अगर आप भी कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो आपको इन बातों को हमेशा याद रखना होगा साथ ही इन गलतियों को आप भूलकर भी न करें।
- नवरात्रि पर माँ के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है। ऐसे में इसके अष्टमी या नवमी तिथि को लोग कन्या पूजन करते हैं। इसके नौ कन्याओं का पूजन किया जाता है क्योंकि इन्हे माँ के नौ स्वरुप माना जाता है। इसलिए जब आपके घर कन्याएं आएं तो आपको पहले से ही उनके बैठने के स्थान को साफ़ कर देना चाहिए। कहते हैं कि अगर आप उनके बैठने के स्थान को साफ़ नहीं करते हैं तो इससे माँ बेहद अप्रसन्न होतीं हैं।
- जिस दिन कन्या पूजन हो उस दिन कन्याओं को न डांटें। साथ ही आपको उनका बेहद सम्मान के साथ स्वागत करना चाहिए। कन्याएं आपसे और आपके उनके प्रति व्यवहार से जितनी अधिक प्रसन्न होंगीं उतनी ही माता रानी भी आपसे प्रसन्न होंगीं।
- कन्याएं जब आपके घर आये तो उनके आते ही उन्हें आप आसान पर न बैठाएं। आपको सबसे पहले उनके पैरों को धोना चाहिए। उसके बाद उनके पैरों को पोछकर ही आसान तक ले जाना चाहिए।
- जब वे आसान पर बाथ जाएं तो उनका टीका किया जाता है। इसके साथ ही आपको दिशाओं का भी विशेष ख्याल रखना होगा। जैसे जब आप उनका तिलक कर रहे हों तो उनका मुँह उत्तर-पूर्व दिशा यानि ईशान कोण की ओर हो। अगर आप कन्याओं का तिलक गलत दिशा में करते हैं तो आपको माता रानी का आशीर्वाद नहीं मिलता है। अतः कन्याओं को बुलाने से पहले ही जान लें कि सही दिशा कौन सी है और उन्हें कहाँ बैठकर तिलक किया जायेगा।
- नौ कन्याओं के साथ आपको एक बालक को भी बैठाना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसीलिए कन्या पूजन के समय नौ कन्याओं के साथ एक बालक को बुलाना ज़रूरी होता है। क्योंकि बालक को भैरव का रूप माना जाता है।
- भोजन करने के बाद आपको कन्याओं को दक्षिणा स्वरुप कुछ देना चाहिए वार्ना कन्या पूजन को अधूरा ही समझा जाता है। इसलिए कन्या पूजन के बाद अपनी समर्थ अनुसार कन्याओं और बालक को दक्षिणा उनके हांथ में रखनी चाहिए।
- कन्या पूजन में एक विशेष बात का ख्याल ज़रूर रखना चाहिए कि आपको उनके पैर ज़रूर छूने चाहिए। वहीँ किसी कन्या को आपके पैर न छूने दें।
इन बातो का ध्यान रखकर आप माता रानी के नाराज़ होने से बच सकते हैं और आपके कर्मों का फल आपको ज़रूर मिलेगा।
नोट: इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। न्यूज़ट्रैक इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।