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मीठा खाने का है शौक, तो जान लें डाॅक्टरों की ये नसीहत, पढ़ें जरूरी खबर

एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एक लिमिट के बाद मीठा खाने से याद्दाश्त पर खराब असर पड़ता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 8 April 2021 6:11 AM GMT
ज्यादा मीठा खाने के शौक़ीन,
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सोशल मीडिया से फोटो

नई दिल्ली: खाने के बाद आपको भी मीठा खाना पसंद है तो ये खबर आपके लिए है। गुलाब जामुन, आइस्क्रीम, रसगुल्ला, केक या पेस्ट्री देखते ही मुंह में पानी आ जाता है तो मीठा खाने से आपके बॉडी में कितनी कौलोरी जाती है। मीठा का शौक रखने वालों की भारत में कोई कमी नहीं हैं। जलेबी, गुलाब जामुन, डोनट्स, चॉकलेट, हलवा और ना जाने क्या-क्या ऐसा मिठाइयां हैं जिन्हें देख भर लेने से मुंह में पानी आ जाता है औऱ आंखों में चमक।

वैसे भी हमारे देश में हर खुशी के मौके पर मिठाई तो खाई ही जाती है। हालांकि मुंह मीठा करना एक बात होती है और मन भर मिठाई खाना दूसरी। ऐसे में जब ज्यादा मीठा खा लेते हैं तो शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि एक लिमिट के बाद मीठा खाने से याद्दाश्त पर खराब असर पड़ता है। सफेद चीनी से बने इन प्रोडक्ट्स को ज्यादा खाने का मतलब है अपने ब्लड प्रेशर के साथ खेलना। साथ ही, इसमें कैलोरी तो खतरनाक मात्रा में होती ही है और न्यूट्रिशनल वैल्यू- ज़ीरो।

परेशानियों से जूझना

ऐसे में आपका धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है और हार्ट की बीमारी आपको घेरने लगती हैं। इसके साथ ही, सिर में दर्द और दांतों में कैविटी की भी दिक्कतें शुरू हो सकती हैं। चीनी की जगह किस चीज के सेवन से आपको इन परेशानियों से जूझना नहीं पड़ेगा और टेस्ट के साथ भी कॉम्प्रोमाइज नहीं करना पड़ेगा।

दुनिया के अन्य देशों की तुलना में यहां के लोग चीनी का सेवन सबसे ज्यादा करते हैं। मस्तिष्क की शक्ति, मांसपेशियों की ऊर्जा और हमारे शरीर की कोशिकाओं के समुचित कार्यों को जारी रखने के लिए शुगर को ही सबसे बेहतर ऊर्जा को स्रोत माना जाता है, लेकिन इसका ज्यादा सेवन शरीर को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना सकता है।

डॉक्टरों का यह भी मानना है कि यदि आप ज्यादा भागदौड़ वाले कार्य करते हैं यानी दिनभर में कम से कम 3-4 घंटे तक काम करते हुए व्यायाम करते हैं जैसे-पैदल चलना, साइकिल चलाना, सीढिय़ां चढऩा इत्यादि तो आप बिना किसी चिंता या तनाव के चीनी का सेवन कर सकते हैं।


कैलोरी को ठीक से बर्न

एक रिपोर्ट के मुताबिक चीनी से भी शरीर को उतनी ही मात्रा में कैलोरी मिलती है, जितनी की अन्य खाद्य पदार्थों से। इसके दुष्प्रभाव भी उन्हीं लोगों में ज्यादा देखने को मिलते हैं जो इस तरह की कैलोरी को ठीक से बर्न नहीं कर पाते हैं। इन्हीं लोगों को मोटापा और अन्य रोगों का खतरा भी सबसे ज्यादा होता है। अगर चीनी का सेवन किया जाए और इससे मिलने वाली कैलोरी को सही तरीके से बर्न किया जाए तो इससे शरीर को नुकसान नहीं है।

विशेषज्ञों के मुताबिक पैक्ड भोजन की खरीदारी करते समय लेबल जरूर पढ़ें और उसमें मौजूद शुगर की मात्रा की जाँच जरूर कर लें। एक टेबल स्पून केचप में इतनी ही मात्रा शुगर की होती है। एफडीए के अनुसार रोज की कुल कैलोरी में शुगर की मात्रा 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।




शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा

विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा मात्रा में चीनी के सेवन की न तो जरूरत होती है और न ही इससे कोई लाभ है। ऐसे में ज्यादा मात्रा में चीनी के सेवन से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है कि उन उत्पादों का सेवन कम कर दें जिनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। सामान्यतौर पर 1 चम्मच में चीनी का चार ग्राम की मात्रा आती है, इस आधार पर चीनी के सेवन को निर्धारित कर सकते हैं।

इस मीठा खाएं

नए शोध के मुताबिक रोजाना खुराक में थोड़ी-सी चीनी आवश्यक रूप से सम्मिलित होनी चाहिए। चिकित्सकों का मानना है कि यदि चीनी की आवश्यक मात्रा को प्राकृतिक रूप से मीठे पदार्थों के रूप में लिया जाए तो यह प्रत्येक मनुष्य की सेहत के लिए काफी बेहतर उपाय है।

अपने मीठा खाने के शौक हेतु व शरीर के लिए जरूरी मात्रा में चीनी की पूर्ति आप विभिन्न पदार्थों द्वारा कर सकते हैं। घर में सदैव शहद की बोतल रखें। चाय, कॉफी या दूध में चीनी की बजाय शहद की कुछ बूंदें डालें। मीठे फल जैसे सेब, केला, आम, चीकू इत्यादि का सेवन करें। सूखे मेवे जैसे खजूर, किशमिश, खूबानी इत्यादि भी खा सकते हैं।

मीठे आलू का सेवन भी आपके मीठा खाने के शौक को पूरा करने का विकल्प है। कई सब्जियां जैसे गाजर, शकरकंदी, मीठे मटर इत्यादि भी मीठे के तौर पर लिए जा सकते हैं। भुट्टे में भी प्राकृतिक मिठास काफी होती है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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