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Health : सावधान रहें, एनीमिया से जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा

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Published on: 2 Dec 2017 8:32 AM GMT
Health : सावधान रहें, एनीमिया से जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा
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डॉ. पूनम तिवारी

डायटीशियन

लखनऊ । हाल में जारी ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2017 की मानें तो देश में 51 फीसदी महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) है। विशेषज्ञों के मुताबिक सिर्फ पोषण की कमी ही एनीमिया से बचाव का उपाय नहीं है। हाइजीन का अभाव भी इसका एक अहम कारण है। रिपोर्ट के अनुसार मां बनने की उम्र में एनीमिया की वजह से मां को ही नहीं बच्चे को भी परेशानियां होती हैं। प्रेग्नेंसी में जिन महिलाओं को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पड़ती है, उनके बच्चे कम रोग प्रतिरोधकता वाले होते हैं। रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में 15-49 साल की 614 मिलियन महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हैं।

हीमोग्लोबिन की कमी से घटता है ऑक्सीजन

खून में आयरन की कमी को ही एनीमिया कहते हैं। इसमें हीमोग्लोबिन कम होने लगता है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं यानी रेड ब्लड सेल्स बनाता है। हीमोग्लोबिन का काम फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में पहुंचाना होता है। ऐसे में जब हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। स्वस्थ पुरुष में 13-16 और महिला में 12-14 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर हीमोग्लोबिन होना चाहिए। गर्भवती महिलाओं में कम से 12 होना चाहिए। कई बार सर्जरी की नौबत आने पर अधिक खून की जरुरत पड़ती है।

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शरीर में खून की कमी के लक्षण

खून की थोड़ी कमी होने पर खास लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन कमी बढऩे पर स्थिति गंभीर होने लगती है। कमजोरी और थकावट महसूस करना, चक्कर आना, छाती या सीने में दर्द, लेटने के बाद उठने पर आंखों के सामने अंधेरा छाना, दिल की धड़कन का असामान्य होना, त्वचा, आंख व नाखूनों का पीला होना, सांस फूलना, महिलाओं में मासिक धर्म कम होना, हाथ पैर का ठंडा होना जैसे कई लक्षण दिख सकते हैं।

खून की कमी के कई कारण

मुख्य रूप से यह कुपोषण के कारण होता है। फॉलिक एसिड, आयरन और विटामिन बी 12 की कमी से एनीमिया होता है, लेकिन कुछ बीमारियों की वजह से भी शरीर में खून की कमी होने लगती है। इसके अलावा दवाओं के दुष्प्रभाव, थायरॉयड, किडनी या गुर्दे की समस्या, कैंसर, नियमित रक्तस्राव भी एनीमिया के कारण हैं। दूसरी तरफ किडनी से एरिथ्रोपोएटीन हॉर्मोन का स्राव होता है जो बोनमैरो को रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है। किडनी का कैंसर होने पर शरीर में एरिथ्रोपोएटीन हॉर्मोन का निर्माण नहीं हो पाता है जिससे रेड ब्लड सेल्स बनना कम हो जाता है, जिससे एनीमिया होने लगता है।

थैलेसीमिया के कारण भी खून की कमी होने लगती है। यह आनुवांशिक एनीमिया होता है, जिसमें हीमोग्लोबिन आवश्यक मात्रा में बनने की बजाय कम या ज्यादा बनने लगता है। शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से परनीसीयस एनीमिया होने की आशंका रहती है। कुछ लोग आहार और दवा के रूप में विटामिन बी 12 लेते हैं, लेकिन पेट में इंटिन्सिक फैक्टर के अभाव में इस विटामिन का अवशोषण नहीं हो पाता है और खून की कमी होने लगती है। कई बार ब्लीडिंग के कारण भी खून की कमी होने लगती है।

इस तरह बढ़ाएं शरीर में खून

पालक खाएं : इसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 होने की वजह से यह खून की कमी को दूर करता है। इसी तरह चुकंदर में फोलिक एसिड और सेब में आयरन की मात्रा होती है। इसे खूब खाएं।

अनार का जूस पीएं : अनार में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और कार्बोहाइडेट हीमोग्लोबिन की मात्रा ज्यादा होती है जो ब्लड को तेजी से बढ़ाकर रक्त संचार को ठीक करता है। रोजाना सुबह खाली पेट अनार खाने या जूस पीने से एनीमिया से जल्दी निजात मिलती है। एक गिलास अनार का जूस रोजाना पी सकते हैं।

शहद और विटामिन सी : आयरन और विटामिन बी 12 से भरपूर शहद का रोजाना सेवन रक्त की कमी को दूर करता है। स्नैक्स में भुने चने और गुड़ का सेवन करने से भी हीमोग्लोबिन बनता है। शरीर आयरन की मात्रा बढ़ाने के लिए विटामिन सी जरूरी होता है। दरअसल यह शरीर में आयरन सोखने में मदद करता है। आंवला, नींबू, संतरा आदि का सेवन करना चाहिए।

किशमिश और खजूर : किशमिश को शहद में मिलाकर खाएं। इसी तरह खजूर भी आयरन का अच्छा स्रोत होता है। सौ ग्राम खजूर में 90 मिलीग्राम आयरन की मात्रा होती है। सॢदयों में रोजाना खजूर खा सकते हैं। इसके और भी फायदे हैं।

एनीमिया में ये नुकसानदायक

अगर आप खून की समस्या से पीडि़त है तो आपको कुछ चीजों का परहेज करना चाहिए जो नुकसान पहुंचाती हैं। इनमें चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स और किसी भी प्रकार का नशा शामिल है। इनसे दूर रहना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद टैनीन और कैफीन नामक पदार्थ शरीर को आयरन सोखने से रोकता है जिससे खून बनाने की प्रक्रिया सुस्त हो जाती है और धीरे-धीरे खून की कमी होने लगती है।

राममनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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