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'मिलावटी रंग' कहीं बर्बाद न कर दें आपकी 'होली', बचने को आजमाएं ये नायाब तरीके

tiwarishalini
Published on: 2 March 2018 1:45 AM GMT
मिलावटी रंग कहीं बर्बाद न कर दें आपकी होली, बचने को आजमाएं ये नायाब तरीके
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कानपुर। होली आने में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में लगभग सभी घरों में होली की तैयारियां होना शुरू हो गई है लेकिन वहीँ लोगों के अंदर से अबतक मिलावटी रंगों का खौफ नहीं गया है। जी हां। होली खेलने से पहले अक्सर लोगों को मिलावटी रंगों से त्यौहार बेरंग होने का खौफ सताता रहता है। ऐसे में आज हम आपको मिलावटी रंगों से बचाने के लिए कुछ ऐसे सुझाव लेकर आएं हैं जिसे पढ़कर आप भी बेफिक्र होकर होली खेल सकेंगे।

Image result for holi songsहोली के मौके पर बाजार में भारी मात्रा में रंग व गुझिया, गुलाल पहुँच चुके हैं। फ़ूड डिपार्टमेंट की टीम खाद्य पदार्थो की शॉप व खोया मंडी में छापेमारी कर रही है। लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से मिलावटी रंगों के खिलाफ अभी तक किसी प्रकार का कोई एक्शन नही लिया गया है।Related imageअगर वहीँ बात करें कानपुर शहर की तो यहां ग्रामीण क्षेत्रो व खाली प्लाटो में नकली रंगों का भारी मात्रा में कारोबार चल रहा है। मुनाफा कमाने के लिए रंग व्यवसायी रंगों में हानिकारक तत्व मिला रहे हैं।Image result for holiबता दें कि, कानपुर समेत आस-पास के जनपदों में इन नकली रंगों की सप्लाई की जा रही है तो यदि आप भी इन नकली रंगों से बचकर अपना त्यौहार मानना चाहते हैं तो हर्बल कलर का यूज करें, साथ ही साथ बच्चों को केमिकल युक्त हानिकारक रंगों से दूर रखें।

Image result for holiऐसे बनाये खुद अपना गुलाल -

बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आप खुद अपना रंग तैयार कर सकते हैं। लाल गुलाल बनाने के लिए कुसुम या फिर गुलाब की पंखुडियो को पीस कर आटे के साथ मिलाकर गुलाल बना सकते है। लाल चन्दन के पाउडर को आटे या फिर मैदे में मिलाकर लाल रंग का गुलाल बना सकते है। यह स्किन के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। पीला गुलाल बनाने के लिए हल्दी या फिर कसूरी हल्दी को बारीक़ पीस कर बेसन के साथ मिलाकर पीले रंग का गुलाल बना सकते है। हल्दी और मुल्तानी मिटटी का भी यूज करके पीले रंग का गुलाल बना सकते है। Image result for holiरंगों में मिला हो सकता है ये हानिकारक पदार्थ-

होली के त्यौहार में अक्सर रंग व्यवसायी अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके परिणाम जनता को अत्यधिक नुकसान पहुंचा सकते है। एक ओर जहां ये व्यवसायी लाल रंग बनाने के लिए डीजल, ऑयल ,कॉपर सल्फेट व शीशे के पाउडर का इस्तेमाल करते हैं। तो वहीँ ये मिलावटी रंग सांस लेने में दिक्कत पैदा करते हैं। इन रंगों के इस्तेमाल से चक्कर और सर दर्द जैसी बीमारियों की शिकायत होती है।

Image result for holiडॉ राकेश सैगल के मुताबिक, हमें रंगों का इस्तेमाल सोच-समझकर करना चाहिए व कोशिश करनी चाहिए कि होली पर हर्बल कलर ही यूज करें।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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