TRENDING TAGS :
UP Lok Sabha Election: सियासी मैदान में छाई मुख्तार कुनबे की नई सदस्य, गाजीपुर के चुनाव प्रचार में नुसरत निभा रहीं बड़ी भूमिका
UP Lok Sabha Election 2024: अफजाल के चुनाव प्रचार में उनकी बेटी नुसरत अपने पिता की जीत सुनिश्चित करने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
UP Lok Sabha Election 2024: इस बार के लोकसभा चुनाव में सियासी परिवारों से जुड़ी नई पीढ़ी भी विभिन्न क्षेत्रों के चुनाव प्रचार में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है। मैनपुरी के लोकसभा चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव ने अपनी मां डिंपल यादव के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल लिया है। दूसरी ओर गाजीपुर के सियासी रण में भी एक बेटी खूब सुर्खियां बटोर रही है। बाहुबली मुख्तार अंसारी के परिवार से जुड़ी यह बेटी अपने पिता के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभा रही है।
गाजीपुर के लोकसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी ने मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है। अफजाल के चुनाव प्रचार में उनकी बेटी नुसरत अपने पिता की जीत सुनिश्चित करने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। भीषण गर्मी के बीच सिर पर दुपट्टा रखकर नुसरत गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा करने में जुटी हुई है। इस दौरान वे लोगों से अपने पिता अफजाल अंसारी को वोट देने की अपील भी कर रही हैं। अफजाल के खिलाफ इस लोकसभा सीट पर भाजपा ने पारसनाथ राय को चुनाव मैदान में उतारा है।
गाजीपुर-मऊ में मुख्तार कुनबे का बड़ा असर
गाजीपुर और मऊ की सियासत में अफजाल और मुख्तार का काफी असर रहा है। मुख्तार अंसारी ने कई बार मऊ सीट से चुनाव जीता और मौजूदा समय में मुख्तार का बेटा इस सीट से विधायक है। मुख्तार के बड़े भाई का बेटा गाजीपुर की ही एक सीट से विधायक है जबकि अफजाल खुद गाजीपुर से सांसद हैं। अफजाल गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से पांच बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं।
अफजाल अंसारी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को पटखनी दे दी थी। मनोज सिन्हा इन दिनों जम्मू-कश्मीर में लेफ्टिनेंट गवर्नर की भूमिका निभा रहे हैं। इस बार गाजीपुर में उनके बेटे भी टिकट के दावेदार थे मगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पारसनाथ राय को तरजीह देते हुए उन्हें मैदान में उतारा है।
पूर्वांचल की अन्य सीटों की तरह गाजीपुर लोकसभा सीट के लिए आखिरी चरण में एक जून को मतदान होने वाला है। ऐसे में पूर्वांचल के सियासी रण में उतरे प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए थोड़ा वक्त मिल गया है और इसलिए सभी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक रखी है।
गैंगस्टर मामले में अफजाल को हुई थी सजा
सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी को गैंगस्टर के एक मामले में पिछले साल गाजीपुर की एक विशेष अदालत में चार साल की कैद और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद अफजाल की सांसदी भी चली गई थी। सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट में अपील की थी मगर वहां से फौरी राहत न मिलने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता शर्तों के साथ बहाल की थी और उन्हें चुनाव लड़ने के योग्य ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट कहा था कि हाईकोर्ट अफजाल के मामले पर 30 जून तक फैसला दे। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद ही सपा ने उन्हें टिकट देने का ऐलान किया था।
खतरे की स्थिति में नुसरत संभालेंगी विरासत
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट में अपील की थी जिस पर अब 2 मई को सुनवाई होनी है। गाजीपुर सीट पर 7 मई से नामांकन शुरू होना है। गाजीपुर में मतदान सातवें चरण यानी एक जून को होगा।
ऐसे में यदि अफजाल अंसारी को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उनके गाजीपुर से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने पर खतरा पैदा हो सकता है। ऐसी स्थिति पैदा होने पर नुसरत माना जा रहा है कि नुसरत अफजाल अंसारी की विरासत को संभाल सकती हैं।
भीषण गर्मी में चुनाव प्रचार कर रहीं नुसरत
माना जा रहा है कि इसी कारण अंसारी कुनबे ने उन्हें पहले ही सक्रिय कर दिया है। अफजाल अंसारी के परिवार ने इस मामले में सतर्कता पर रखते हुए चुनाव प्रचार में नुसरत को पहले ही चुनाव मैदान में उतार दिया है। इसका मकसद यह है कि वे गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र और यहां के मतदाताओं से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएं। चुनाव प्रचार के दौरान नुसरत की कई तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं।
कई तस्वीरों में वे सिर पर दुपट्टा रखे हुए जनसंपर्क में व्यस्त दिख रही हैं। चुनाव प्रचार के दौरान नुसरत ने कीर्तन में हिस्सा लिया और आदर्श नगर स्थित शिवालय जाकर भगवान भोलेनाथ के सामने मत्था भी टेका।
अफजाल अंसारी ने साध रखी है चुप्पी
अफजाल अंसारी लंबे समय से चुनाव लड़ते रहे हैं,लेकिन नुसरत को पहली बार इस तरह प्रचार करते हुए देखा जा रहा है और यही कारण है कि गाजीपुर के लोकसभा क्षेत्र में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
हालांकि अफजाल अंसारी ने इस पूरे मामले में चुप्पी साथ रखी है। उन्होंने अभी तक अपनी बेटी के चुनाव प्रचार को लेकर कोई बयान नहीं दिया है मगर इसे अंसारी कुनबे की बड़ी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है