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मतदान से पहले सपा में अंदरूनी कलह! इन नेताओं को तरजीह मिलना बड़ा कारण

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए सपा में हुए टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराज़गी की बात सामने आई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी ने दूसरे दलों से आए नेताओं पर अधिक भरोसा जताया है।

Aniket Gupta
Published on: 17 April 2024 3:51 PM IST
Lok Sabha Election 2024
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान में सिर्फ एक दिन बाकी है। यूपी की कुल 8 सीटों पर पहले फेज में वोटिंग होनी है। इन सीटों में मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, पीलीभीत, सहारनपुर, कैराना, नगीना और रामपुर शामिल हैं। आज शाम तक पहले चरण को लेकर चुनाव-प्रचार थम जाएंगा। चुनाव प्रचार की गहमागहमी के बीच समाजवादी पार्टी में अंदरूनी नाराजगी की बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार, सपा ने लोकसभा चुनाव में टिकट देने में दूसरे राजनीतिक दलों से आए नेताओं पर अधिक भरोसा दिखाया है। उत्तर प्रदेश में सपा के अब तक के घोषित उम्मीदवारों में से आधे से अधिक उम्मीदवार बसपा, बीजेपी और कांग्रेस छोड़ सपा में शामिल हुए थे। अब समाजवादी पार्टी में इसको लेकर अंदर-अंदर ही सवाल उठने लगे हैं।

57 में से 29 प्रत्याशी बाहरी दलों से सपा में हुए हैं शामिल

यूपी में समाजवादी पार्टी ने अब तक कुल 57 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। जिनमें 29 उम्मीदवार ऐसे हैं जो दूसरे पार्टियों को छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। श्रावस्ती लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने राम शिरोमणि वर्मा और गाजीपुर से अफजाल अंसारी को उम्मीदवार बनाया है। दोनों सीटों पर सपा से घोषित उम्मीदवार बसपा छोड़ पार्टी में शामिल हुए थे। सलेमपुर से सपा उम्मीदवार रमाशंकर राजभर साल 2009 में मायावती की पार्टी बसपा से सांसद चुने गए थे। वहीं जौनपुर से समाजवादी पार्टी बाबू सिंह कुशवाहा भी मायावती सरकार में कद्दावर मंत्री रहे हैं। साथ ही सपा ने दरोगा सरोज को लालगंज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है, जो भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए हैं।

बसपा छोड़ सपा में शामिल हुए थे भीष्म शंकर कुशल तिवारी

कुशीनगर सीट से सपा उम्मीदवार अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार विधानसभा उपचुनाव सुभासपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। वहीं बस्ती से सपा उम्मीदवार राम प्रसाद चौधरी, डुमरियागंज के सपा उम्मीदवार भीष्म शंकर कुशल तिवारी, अम्बेडकरनगर के प्रत्याशी लालजी वर्मा और फूलपुर से सपा उम्मीदवार अमरनाथ मौर्य बसपा से सपा में शामिल हुए थे।

भाजपा से निष्कासित हुए थे शिव शंकर

बता दें, कौशाम्बी लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज बसपा सरकार में मंत्री रहे हैं। बांदा से शिव शंकर सिंह पटेल ने भाजपा से निष्कासित होने के बाद सपा का हाथ थामा था। अकबरपुर से सपा उम्मीदवार राजाराम पाल मायावती की पार्टी बसपा और कांग्रेस का सफर तय कर सपा में शामिल हुए हैं।

राम भुआल निषाद, आरके चौधरी, अनु टंडन भी इसी पंक्ति में

सपा से इटावा के उम्मीदवार जितेंद्र दोहरे और सुल्तानपुर से राम भुआल निषाद और फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य बसपा से सपा में आए हैं। वहीं मोहनलालगंज सीट से सपा उम्मीदवार आरके चौधरी मायावती सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्नाव से सपा उम्मीदवार अनु टंडन का नाता कांग्रेस से रहा है। इसके अलावा बरेली से सपा उम्मीदवार प्रवीण सिंह ऐरन भी कांग्रेस की टिकट से सांसद रह चुके हैं।

ये प्रत्याशी भी दूसरी पार्टी छोड़ सपा में हुए हैं शामिल

इन सब के अलावा एटा से देवेश शाक्य, आंवला से नीरज मौर्य, आगरा से सुरेश चंद कदम, अलीगढ़ से बिजेंद्र सिंह, गौतमबुद्धनगर से डॉ. महेंद्र नागर, बागपत से अमर पाल शर्मा, मेरठ से सुनीता वर्मा, मुरादाबाद से रुचि वीरा, बिजनौर से दीपक सैनी समेत मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक दूसरी पार्टी छोड़ सपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा के अंदर कार्यकर्ताओं और नेताओं में इस मुद्दे को लेकर नाराजगी है। हालांकि, अब तक किसी भी नेता ने इसपर खुलकर नाराजगी नहीं जताई है।



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Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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