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विधायकी छोड़ केंद्र का रुख कर सकते हैं अखिलेश, शिवपाल को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, करहल से तेज प्रताप को लड़ाने की तैयारी

UP Election Result 2024: अखिलेश यादव ने खुद कन्नौज लोकसभा सीट पर बड़ी जीत हासिल की है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब अखिलेश यादव केंद्र की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 6 Jun 2024 8:10 AM GMT
विधायकी छोड़ केंद्र का रुख कर सकते हैं अखिलेश, शिवपाल को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, करहल से तेज प्रताप को लड़ाने की तैयारी
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Akhilesh Yadav, Shivpal Yadav, Tej Pratap Yadav  (photo: social media ) 

UP Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया है। भाजपा को बड़ा झटका देते हुए सपा उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। सपा ने अकेले 37 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रदेश की 43 सीटों पर विजयी रहा है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने खुद कन्नौज लोकसभा सीट पर बड़ी जीत हासिल की है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब अखिलेश यादव केंद्र की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।

जानकारों के मुताबिक अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे सकते हैं। करहल विधानसभा सीट से तेज प्रताप यादव को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। अखिलेश यादव के विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद नेता प्रतिपक्ष का पद भी खाली हो जाएगा और इस पद पर शिवपाल सिंह यादव की ताजपोशी की जा सकती है। वैसे इंद्रजीत सरोज और रामअचल राजभर को भी नेता प्रतिपक्ष के पद का दावेदार माना जा रहा है।

दिल्ली का रुख कर सकते हैं अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद अब समाजवादी पार्टी देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। 240 लोकसभा सीटों के साथ भाजपा पहले नंबर पर है जबकि 99 सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। तीसरे नंबर पर काबिज समाजवादी पार्टी ने इस बार 37 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है। पार्टी का वोट शेयर भी उछलकर 33 फ़ीसदी से ऊपर पहुंच गया है। यूपी में सबसे बड़ा झटका भाजपा को लगा है जो 62 सीटों से घटकर 33 सीटों पर पहुंच गई है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को मिली इस जीत में पार्टी मुखिया अखिलेश यादव की भूमिका सबसे अहम रही है। इस बड़ी जीत के बाद सपा केंद्र की राजनीति में भी अहम भूमिका निभाने वाली है। ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्र की राजनीति में सपा की अहम भूमिका की कमान अखिलेश यादव खुद अपने हाथों में ले सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव अब दिल्ली की राजनीति का रुख कर सकते हैं और ऐसे में उन्हें उत्तर प्रदेश की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देना होगा।


नेता प्रतिपक्ष के पद से देना होगा इस्तीफा

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव हुआ था जिसमें अखिलेश यादव को मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल हुई थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था।

2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा को 111 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और अखिलेश ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। यदि अखिलेश यादव ने केंद्र की राजनीति का रुख किया तो उन्हें विधानसभा की सदस्यता के साथ ही नेता प्रतिपक्ष का पद भी छोड़ना होगा।


शिवपाल को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने की स्थिति में शिवपाल सिंह यादव की इस पद पर ताजपोशी की जा सकती है। सपा मुखिया अखिलेश यादव का अब अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से रिश्ता काफी मधुर बन चुका है। मैनपुरी के पिछले लोकसभा उपचुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिए काफी मेहनत की थी। इस बार अखिलेश यादव ने बदायूं लोकसभा सीट से शिवपाल के बेटे आदित्य यादव को टिकट दिया था और आदित्य यादव जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।

ऐसे में नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवपाल सिंह यादव की दावेदारी को सबसे मजबूत माना जा रहा है। वैसे नेता प्रतिपक्ष के लिए शिवपाल सिंह यादव के अलावा इंद्रजीत सरोज और रामअचल राजभर के नाम भी चर्चाओं में हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव जल्द ही इस बाबत कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।


तेज प्रताप को पहले मिला था कन्नौज से टिकट

इस बार के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने पहले अपने भतीजे और पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था। हालांकि 48 घंटे में ही अखिलेश यादव अपना फैसला बदलते हुए खुद कन्नौज के सियासी अखाड़े में उतर गए थे। कन्नौज के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दबाव में अखिलेश यादव ने खुद चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था।

इस लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को हरा दिया था। अखिलेश यादव ने इस बार सुब्रत पाठक को हराकर अपनी पत्नी डिंपल की हार का बदला भी ले लिया है।


अब करहल से तेज प्रताप को लड़ाने की तैयारी

अखिलेश यादव ने यदि केंद्र की राजनीति करने का फैसला लिया तो उन्हें मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देना होगा। जानकारों का कहना है कि यदि अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देते हैं तो इस सीट से तेज प्रताप यादव को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।

तेज प्रताप यादव मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं और वे राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं। ऐसे में करहल विधानसभा सीट खाली होने की स्थिति में तेज प्रताप यादव की दावेदारी को सबसे मजबूत पहना जा रहा है।


Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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