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UP Lok Sabha Election: रामपुर में आजम खेमे ने बढ़ाई अखिलेश की मुश्किलें, सपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से बनाई दूरी
UP Lok Sabha Election: आजम खान के समर्थकों के इस ऐलान से साफ हो गया है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और आजम खान के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।
UP Lok Sabha Election: रामपुर के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खान अपनी पार्टी के लिए बड़ी मुसीबत बनते दिख रहे हैं। आजम खान भले ही जेल में बंद है मगर उनके समर्थकों ने भी रामपुर में सपा प्रत्याशी मोहिबुल्लाह नदवी के चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है। आजम खेमे का समर्थन हासिल न हो पाने के कारण नदवी का चुनाव प्रचार जोर नहीं पकड़ पा रहा है।
हालांकि नदवी आजम खान के समर्थकों को मनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर उनका यह प्रयास रंग नहीं दिखा पा रहा है। रामपुर जिले में आजम खान के एक खास समर्थक नेता ने तो सपा छोड़कर बसपा प्रत्याशी जीशान का समर्थन करने का ऐलान तक कर डाला है। आजम खान के समर्थकों के इस ऐलान से साफ हो गया है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव और आजम खान के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। इस कारण रामपुर में सपा प्रत्याशी की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
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अखिलेश ने नहीं माना आजम का अनुरोध
रामपुर में आजम खान ने समाजवादी पार्टी के मुख्य अखिलेश यादव से खुद रामपुर सीट पर चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था। सीतापुर जेल में अखिलेश यादव से मुलाकात के दौरान आजम खान का कहना था कि सैफई के परिवार को रामपुर की सीट को भी उतना ही महत्व देना चाहिए,जितना कि वे अपना गढ़ मानी जाने वाली अन्य सीटों को देते हैं। उनका यह भी कहना था कि अखिलेश के चुनाव लड़ने से सपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा और अच्छा संदेश जाएगा।
हालांकि अखिलेश यादव इसके लिए तैयार नहीं हुए और उन्होंने दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट स्थित जामा मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी को चुनाव मैदान में उतार दिया। इसके बाद से ही आजम खान और उनके समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं और सपा प्रत्याशी को आजम खेमे का समर्थन हासिल नहीं हो पा रहा है।
आजम खान समर्थक सपा के चुनाव प्रचार से दूर
सपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी प्रत्याशी नदवी और आजम खान के खेमे के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन दूरियों को पाटने के लिए नदवी ने प्रयास भी किया है। हालांकि उसका अभी तक सकारात्मक नतीजा नहीं दिख सका है। सपा प्रत्याशी नदवी ने हाल में सपा के जिलाध्यक्ष अजय सागर के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की थी।
अजय सागर का आजम खान का समर्थक माना जाता है और वे सपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। सागर और उनके साथ के अन्य सपा नेताओं ने पहले ही रामपुर के चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया था।
नदवी का चुनाव प्रचार किए जाने के संबंध में सागर का कहना था कि वे इस संबंध में पार्टी नेताओं के साथ चर्चा के बाद ही कोई फैसला लेंगे। कई दिन बीत जाने के बावजूद सागर सपा प्रत्याशी के समर्थन में अभी तक सक्रिय नहीं हुए हैं। सपा के जिला अध्यक्ष अजय सागर के साथ ही पार्टी के प्रदेश सचिव अखिलेश गंगवार और ओमेंद्र चौहान ने भी सपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी है।
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रामपुर में पहले ही चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है और अब चुनाव प्रचार के लिए काफी कम समय बाकी बचा है। ऐसे में सपा प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।
आजम के करीबी ने दिया बसपा को समर्थन
इस बीच आजम खान के खेमे से जुड़े एक और मजबूत सपा नेता ने पार्टी प्रत्याशी नदवी का चुनाव प्रचार करने से इनकार कर दिया है। आजम खान के खेमे से जुड़े पूर्व जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गोयल का कहना है कि हम सपा प्रत्याशी का प्रचार नहीं करेंगे। उन्होंने तो एक कदम और आगे बढ़ते हुए बसपा प्रत्याशी जीशान का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है।
गोयल ने सपा प्रत्याशी पर विरोधियों के साथ घूमने का बड़ा आरोप भी लगाया है।
गोयल ने कहा कि पिछले चुनाव के दौरान हमारे लोगों को मारा पीटा गया। इसलिए हम इस बार चाहते थे कि सपा मुखिया अखिलेश यादव खुद रामपुर की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। सपा मुखिया ने पहले दो दिन इंतजार कराया और फिर तीसरे दिन दिल्ली के किसी मौलाना साहब को चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया। अगले दिन हमने आसिम रजा का पर्चा भरवारा मगर उन्हें पार्टी का सिंबल नहीं दिया गया।
मौलाना साहब हमारे पास तो नहीं आए मगर उन लोगों के पास जरूर पहुंच गए जिन लोगों ने हमें पिटवाया था। भाजपा के पक्ष में बोलने वाले लोग ही मौलाना साहब को चुनाव लड़वा रहे हैं। उनका इशारा नवाब खानदान की ओर था। मौलाना नदवी ने पिछले दिनों कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो से मुलाकात भी की थी।
सपा को फिर लग सकता है बड़ा झटका
रामपुर में हुए पिछले लोकसभा उपचुनाव के दौरान भाजपा ने सपा प्रत्याशी को पटखनी देकर पार्टी को करारा झटका दिया था। आजम खान और उनकी फैमिली इस बार रामपुर के लोकसभा चुनाव से दूर है मगर आजम खान के समर्थकों की सपा प्रत्याशी से दूरी पार्टी के लिए लगातार मुश्किलें पैदा करने वाली साबित हो रही है।
सियासी जानकारों का करना है कि भाजपा भी इस समीकरण को समझ चुकी है और पार्टी ने रामपुर के लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। भाजपा ने इस सीट पर पिछले उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले घनश्याम लोधी को चुनाव मैदान में उतारा है।
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अगर आने वाले दिनों में सपा प्रत्याशी आजम खान समर्थकों को मनाने में कामयाब नहीं हुई तो निश्चित रूप से रामपुर में सपा को एक बार फिर करारा झटका लगना तय माना जा रहा है।