TRENDING TAGS :
Loksabha Election 2024: आजमगढ़ लोकसभा सीट पर निरहुआ और धर्मेंद्र यादव फिर होंगे आमने-सामने, जानें यहां का समीकरण
Loksabha Election 2024 Azamgarh Seats History: अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के निरहुआ को हराया था। लेकिन उपचुनाव में निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराकर जीत दर्ज की।
Loksabha Chunav 2024: यूपी में आजमगढ़ लोकसभा हॉट सीटों में से एक है। आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ है। यहां से वह पूरे पूर्वांचल को साधती रही है, लिहाजा इस सीट पर सूबे भर की नजर रहती है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी के सरंक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव 2014 में सांसद रहे। यह सीट इस वजह से भी चर्चा में रहती है क्योंकि प्रदेश के तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री यहां से सांसद रह चुके हैं। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ को 2,59,874 वोटों से हराया था। लेकिन लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा के धर्मेंद्र यादव को 8,679 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। बता दें कि अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपने चचरे भाई धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया था। जबकि बीजेपी ने फिर से दिनेश लाल यादव निरहुआ को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। इस उपचुनाव में दिनेश लाल यादव निरहुआ को 3,12,768 और धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट मिले थे। जबकि बसपा के शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने 2,66,210 वोट मिला था। इस बार लोकसभा चुनाव में सपा ने धर्मेंद्र यादव को दुबारा अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि भाजपा ने भी दिनेश लाल यादव निरहुआ को फिर से प्रत्याशी के रूप में उतारा है। वहीं बसपा के गुड्डू जमाली को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने पाले में जोड़कर विधान परिषद सदस्य बनाया है। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 69 है। इसमें वर्तमान में 5 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इस लोकसभा क्षेत्र का गठन आजमगढ़ जिले के गोपालपुर, सगरी, मुबारकपुर, मेहनगर और आजमगढ़ विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है। यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था। यहां कुल 17,89,168 मतदाता हैं। जिनमें से 8,15,708 पुरुष और 9,73,391 महिला मतदाता हैं। बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में कुल 48.84 प्रतिशत मतदान हुआ था।
उपचुनाव में धर्मेंद्र की जीत में रोड़ा बनने वाले गुड्डू जमाली गए सपा में
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की क्षेत्र के अल्पसंख्यक समुदाय में अच्छी खासी पकड़ है। वे मूल रूप से आजमगढ़ के जमालपुर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमबीए की। वे वर्तमान में पूर्वांचल कंस्ट्रक्शन कंपनी में बतौर एमडी के रूप में कार्यरत है। पूर्वांचल कंस्ट्रक्शन कंपनी मुख्य रूप से रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी हुई है। शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की गिनती बड़े कारोबारियों में होती है। उनके पास कई कंपनियां और स्कूल हैं। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में दाखिल हलफ़नामे में उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 196 करोड़ बताई थी। उनके पास 188 करोड़ की चल संपत्ति और 84 करोड़ की अचल संपति है। इसके साथ ही उन्होंने 31 करोड़ की देनदारियां भी बताई हैं।
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास (Azamgarh Seats Political History)
मुगल शासक शाहजहां के शासन काल के एक शक्तिशाली जमींदार आजम खां ने 1665 ई. में आजमगढ़ की स्थापना की थी। इसी कारण इस शहर को आजमगढ़ के नाम से जाना जाता है। कभी इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व था। इस लोकसभा के गठन के बाद से 1984 तक कांग्रेस का दबदबा रहा है। इस सीट से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे रामनरेश यादव इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर सांसद चुने गए थे। इस सीट पर भाजपा ने 2009 में पहली बार कमल खिलाया था। उसके लिए सपा और बसपा से सांसद रह चुके रमाकांत यादव का सहारा लेना पड़ा था। इस सीट पर पहली बार सपा की साइकिल दौड़ाने वाले भी रमाकांत यादव ही हैं। उन्होंने 1996 चुनाव में बसपा के राम कृष्ण यादव को 22,081 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। बसपा ने इस सीट पर 1989 में पहली बार खाता खोला था। बसपा के राम किशन ने जनता दल के त्रिदुरारी पूजन प्रताप सिंह उर्फ बच्चा बाबू को 9,081 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी।
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में यादव और अल्पससंख्यक वर्ग के मतदाओं की संख्या अधिक है। चुनाव में इनका मतदान ही परिणाम तय करते हैं। यहां के करीब 18 लाख के मतदाओं में 40 प्रतिशत मतदाता यादव और अल्पससंख्यक वर्ग से हैं। इसके अलावा 3 लाख मतदाता दलित वर्ग से हैं। वहीं 50 प्रतिशत से ऊपर अन्य जातियों के मतदाता हैं।
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद
- कांग्रेस से अलगू राय शास्त्री 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से कालिका सिंह 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से राम हरख यादव 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से चंद्रजीत यादव 1967, 1971 और 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता पार्टी से राम नरेश यादव 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से मोहसिना किदवई 1978 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुनीं गईं।
- जनता पार्टी (सेक्युलर) से चंद्रजीत यादव 1980 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- कांग्रेस से संतोष सिंह 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से राम कृष्ण यादव 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- जनता दल से चंद्रजीत यादव 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से रमाकांत यादव 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से अकबर अहमद 1998 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से रमाकांत यादव 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से रमाकांत यादव 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- बसपा से अकबर अहमद 2008 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से रमाकांत यादव 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से मुलायम सिंह यादव 2014 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- सपा से अखिलेश यादव 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
- भाजपा से दिनेश लाल यादव निरहुआ 2022 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।